Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Oct, 2024 03:13 PM
डेलॉयट इंडिया (Deloitte India) ने अनुमान लगाया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 7 से 7.2 प्रतिशत बढ़ेगी, जिसमें मजबूत सरकारी व्यय और उच्च विनिर्माण निवेश का योगदान होगा। हालांकि वैश्विक वृद्धि में नरमी का असर...
बिजनेस डेस्कः डेलॉयट इंडिया (Deloitte India) ने अनुमान लगाया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 7 से 7.2 प्रतिशत बढ़ेगी, जिसमें मजबूत सरकारी व्यय और उच्च विनिर्माण निवेश का योगदान होगा। हालांकि वैश्विक वृद्धि में नरमी का असर अगले वित्त वर्ष की संभावनाओं पर पड़ सकता है। डेलॉयट ने अपने 'अक्टूबर 2024 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था परिदृश्य' में कहा कि संपन्न विनिर्माण क्षेत्र, स्थिर तेल कीमतें और चुनाव के बाद संभावित अमेरिकी मौद्रिक सहजता से भारत में पूंजी प्रवाह में बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे उत्पादन लागत कम हो सकती है और दीर्घकालिक निवेश व रोजगार के अवसर बढ़ सकते हैं।
चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था में सालाना आधार पर 6.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो पिछले पांच तिमाहियों में सबसे धीमी वृद्धि है लेकिन भारत अब भी वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है। डेलॉयट इंडिया ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि के अनुमान को 7 प्रतिशत से 7.2 प्रतिशत के बीच बनाए रखा है, जबकि अगले वित्त वर्ष 2025-26 के लिए इसे 6.5 से 6.8 प्रतिशत के बीच बरकरार रखा है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी हाल ही में अनुमान लगाया था कि मजबूत घरेलू गतिविधियों के कारण चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा कि घरेलू कारक, जैसे कि खाद्य पदार्थों में मुद्रास्फीति में कमी, बेहतर बारिश और रिकॉर्ड खरीफ उत्पादन, इस वर्ष की दूसरी छमाही में मजबूत सरकारी व्यय और विनिर्माण में बढ़ते निवेश के साथ भारत की वृद्धि में सहायक होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी फेडरल द्वारा ब्याज दरों में कटौती के बाद उच्च पूंजी प्रवाह दीर्घकालिक निवेश और रोजगार के अवसरों में बदल सकता है, क्योंकि बहुराष्ट्रीय कंपनियां परिचालन लागत को कम करने की कोशिश कर रही हैं।