Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Jan, 2025 03:35 PM
हफ्ते के पहले कारोबारी दिन आज यानी 6 जनवरी को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स 1258 अंक टूटकर 77,964 के स्तर पर और निफ्टी में भी 388 अंक की गिरावट रही, ये 23,616 के स्तर पर बंद हुआ।
बिजनेस डेस्कः हफ्ते के पहले कारोबारी दिन आज यानी 6 जनवरी को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स 1258 अंक टूटकर 77,964 के स्तर पर और निफ्टी में भी 388 अंक की गिरावट रही, ये 23,616 के स्तर पर बंद हुआ।
कारोबार के दौरान सेंसेक्स 1400 अंक से ज्यादा टूटा, निफ्टी में भी 430 अंक की गिरावट रही। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 29 में गिरावट और 1 में तेजी रही।
शेयर बाजार में आज की गिरावट के पीछे ये 5 कारण अहम रहे
1. भारत में HMPV वायरस के 3 मामले सामने आए
चीन में फैले कोरोना जैसे नए वायरस HMPV का भारत में अब तक दो केस मिलने की पुष्टि हो चुकी है। शेयर बाजार के सामने पहले से मौजूद तमाम अनिश्चतताओं के बीच इस नए वायरस की खबर ने निवेशकों को चौंका दिया। कर्नाटक में दो बच्चों में यह वायरस पाया गया। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि दोनों बच्चे रिकवरी की ओर हैं और घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि HMPV का संक्रमण पहले से ही भारत सहित कई देशों में फैल रहा है और विभिन्न देशों में इससे संबंधित सांस से जुड़ी बीमारियों के मामले सामने आए हैं। मंत्रालय ने आश्वासन दिया कि चिंता का कोई कारण नहीं है। उसने कहा कि मंत्रालय ने कहा कि देश भर में हाल में की गई तैयारियों से पता चलता है कि भारत सांस संबंधी बीमारियों के मामले में किसी भी संभावित बढ़ोतरी से निपटने के लिए तैयार है और जरूरत पड़ने पर सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय तुरंत लागू किए जा सकते हैं।
2. तीसरी तिमाही के नतीजों का इंतजार
दिसंबर तिमाही के नतीजों से पहले निवेशक सतर्क हैं। इसके साथ ही, केंद्रीय बजट 2025-26 और भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की आगामी बैठक को लेकर भी अनिश्चितता बनी हुई है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के ही रिसर्च हेड, विनोद नायर ने कहा कि तीसरी तिमाही के नतीजों से कोई नया संकेत मिलने तक बाजार दिशाहीन बने रहेंगे।
3. कमजोर ग्लोबल संकेत
शेयर बाजार में आज की गिरावट के पीछे कमजोर ग्लोबल संकेत भी एक अहम वजह रहा। एशियाई बाजार जहां आज के कारोबार के दौरान 1.4 फीसदी तक टूट गए। वहीं अमेरिकी डॉलर में मजबूती, ऊंची बॉन्ड यील्ड और क्रूड ऑयल की कीमतों में उछाल ने ग्लोबल बाजारों पर दबाव बनाया। क्रूड ऑयल के दाम इस समय अक्टूबर 2024 के बाद के अपने सबसे ऊंचे स्तर पर हैं।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट, डॉ. वी के विजयकुमार ने बताया, 'डॉलर इंडेक्स इस समय 109 पर है और 10 साल के अमेरिकी बॉन्ड पर यील्ड 4.62% है। इसके चलते विदेशी निवेशक भारत से बिकवाली कर रहे हैं। इन कारणों के स्थिर होने तक यह बिकवाली जारी रखने की उम्मीद है।'
4. विदेशी निवेशकों की बिकवाली विदेशी निवेशकों ने लगातार भारतीय बाजार से पैसे निकाल रहे हैं। जनवरी 2025 में अब तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने 4,285 करोड़ रुपए की बिकवाली की है, जिससे बाजार पर दबाव बना हुआ है।
5. कमजोर टेक्निकल संकेत
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ मार्केटिंग स्ट्रैटजिस्ट, आनंद जेम्स ने बताया कि टेक्निकल चार्ट पर निफ्टी के लिए 23,960 से 23,860 का जोन एक अहम सपोर्ट लेवल है। अगर निफ्टी 23,860 के नीचे चला जाता है, तो यह फिर 23,750 तक टूट सकता है।