Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Jan, 2025 11:25 AM
भले ही अमेरिका में ट्रंप युग की शुरुआत हो गई हो और उन्होंने ब्रिक्स देशों, जिसमें भारत भी शामिल है, पर 100% टैरिफ लगाने की धमकी दी हो लेकिन इसके बावजूद भारत के सामान का जलवा अमेरिकी बाजार में कायम है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मौजूदा वित्त वर्ष के...
बिजनेस डेस्कः भले ही अमेरिका में ट्रंप युग की शुरुआत हो गई हो और उन्होंने ब्रिक्स देशों, जिसमें भारत भी शामिल है, पर 100% टैरिफ लगाने की धमकी दी हो लेकिन इसके बावजूद भारत के सामान का जलवा अमेरिकी बाजार में कायम है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मौजूदा वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों (अप्रैल 2024 से दिसंबर 2024) में भारत ने अमेरिका को हर घंटे लगभग 80 करोड़ रुपए का सामान एक्सपोर्ट किया है। यह आंकड़े भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों की मजबूती को दर्शाते हैं।
जनवरी 2025 के एक्सपोर्ट डेटा के आने का इंतजार है, जो मौजूदा रुझान को और स्पष्ट करेगा। भारत का एक्सपोर्ट प्रदर्शन अमेरिकी बाजार में उसकी मजबूत स्थिति को रेखांकित करता है, भले ही नई नीतियों और व्यापारिक चुनौतियों का सामना क्यों न करना पड़े।
इतना हुआ इजाफा
अमेरिका को भारत का वस्तु निर्यात चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीने (अप्रैल-दिसंबर) के दौरान 5.57 फीसदी बढ़कर 59.93 अरब डॉलर यानी 5.2 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। इसका मतलब है कि भारत ने अमेरिका को हर घंटे 80 करोड़ रुपए का सामान एक्सपोर्ट किया है। अमेरिकी बाजार में भारतीय उत्पादों की मजबूत मांग से निर्यात में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर में अमेरिका को भारत का निर्यात 8.49 फीसदी बढ़कर सात अरब डॉलर रहा है। चालू वित्त वर्ष के पहले नौ माह में अमेरिेका से भारत का आयात 1.91 प्रतिशत बढ़कर 33.4 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वहीं दिसंबर में यह 9.88 प्रतिशत बढ़कर 3.77 अरब डॉलर रहा है।
भारत-अमेरिका बाइलेटरल ट्रेड
विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा रुझान को देखते हुए कहा जा सकता है कि आगामी महीनों में दोनों देशों के बीच व्यापार और बढ़ेगा। अप्रैल-दिसंबर के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 93.4 अरब डॉलर रहा। वहीं ,इसी अवधि में भारत और चीन के बीच व्यापार 94.6 अरब डॉलर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका और चीन के बीच संभावित ट्रेड वॉर भारतीय निर्यातकों के लिए बड़ी संभावनाएं पैदा करेगा।
भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर
वर्ष 2021-22 से अमेरिका, भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। भारत के कुल माल निर्यात में अमेरिका का हिस्सा लगभग 18 फीसदी प्रतिशत है, इंपोर्ट में यह छह प्रतिशत से अधिक है। वहीं द्विपक्षीय व्यापार में यह लगभग 11 प्रतिशत बैठता है। कुछ विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि यदि अमेरिका कुछ भारतीय वस्तुओं पर अतिरिक्त शुल्क लगाता है, जैसा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है, तो इससे व्यापार प्रभावित हो सकता है।
तो भारत को देना चाहिए जवाब
आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि यदि अमेरिका द्वारा इस तरह का कोई कदम उठाया जाता है तो भारत को दृढ़ता से और इसका जवाब देना चाहिए। साल 2018 में जब अमेरिका ने भारतीय इस्पात और एल्युमीनियम पर कर लगाया था तो भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए 29 अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क बढ़ा दिया, जिससे भारत को बराबर राजस्व की वसूली हुई।