Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Feb, 2025 06:30 PM
![indian stock market became the worst performer in the world](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_18_30_323551615market-ll.jpg)
भारत का शेयर बाजार इस समय भारी गिरावट के दौर से गुजर रहा है। 2025 में भारतीय बाजार का प्रदर्शन इतना खराब रहा है कि उसने जिम्बाब्वे और आइसलैंड जैसे देशों को भी पीछे छोड़ दिया है। मार्केट कैप 4 ट्रिलियन डॉलर के नीचे आ गया है, जो पिछले 14 महीनों का...
बिजनेस डेस्कः भारत का शेयर बाजार इस समय भारी गिरावट के दौर से गुजर रहा है। 2025 में भारतीय बाजार का प्रदर्शन इतना खराब रहा है कि उसने जिम्बाब्वे और आइसलैंड जैसे देशों को भी पीछे छोड़ दिया है। मार्केट कैप 4 ट्रिलियन डॉलर के नीचे आ गया है, जो पिछले 14 महीनों का सबसे निचला स्तर है। विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण सेंसेक्स और निफ्टी में तेज गिरावट दर्ज की गई है। आखिर भारतीय शेयर बाजार में यह भारी गिरावट क्यों आ रही है और अन्य देशों की तुलना में इसका प्रदर्शन कैसा रहा है? आइए विस्तार से समझते हैं।
ब्लूमबर्ग की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में अब तक भारतीय शेयर बाजार का प्रदर्शन दुनिया भर में सबसे कमजोर रहा है। भारत, जो दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा बाजार है, उसके मार्केट कैप में इस साल 18.33% की गिरावट दर्ज की गई है। इस सूची में जिम्बाब्वे 18.3% की गिरावट के साथ दूसरे और आइसलैंड 18% की गिरावट के साथ तीसरे स्थान पर है।
वहीं, अमेरिका के शेयर बाजार का मार्केट कैप इस साल अब तक 3% बढ़ा है, जबकि चीन और जापान में 2.2% की वृद्धि दर्ज की गई है। सबसे अधिक तेजी फ्रांस में देखी गई, जहां मार्केट कैप 9.9% बढ़ा है।
शेयर बाजार में गिरावट का कारण
2025 की शुरुआत से ही सेंसेक्स और निफ्टी अब तक करीब 2.6% नीचे आ चुके हैं। वहीं, BSE मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स 12% और 15% तक लुढ़क चुके हैं। भारतीय बाजारों का कुल मार्केट कैप अब 3.99 ट्रिलियन डॉलर है, जो 4 दिसंबर, 2023 के बाद से सबसे कम है। उस वक्त भारत का मार्केट कैप 5.14 ट्रिलियन डॉलर था। तब से अब तक इसमें 1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक की गिरावट आ चुकी है।
शेयर बाजार के सामने इस समय कई तरह की चिंताएं हैं। भारतीय रुपया इस साल अब तक 1.5% कमजोर हो चुका है। इंडोनेशिया के बाद यह एशिया में दूसरी सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली करेंसी है। इसके अलावा विदेशी निवेशक इस साल अब तक करीब 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक की निकासी कर चुके हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इस बीच अपनी टैरिफ नीतियों से व्यापारिक तनाव बढ़ाने की धमकी दे रहे हैं, जिससे ग्लोबल ट्रेड वार शुरू होने का खतरा बना हुआ है। इसके अलावा भारतीय शेयरों का ऊंचा वैल्यूएशन भी मार्केट एक्सपर्ट्स के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। वैल्यूएशन गुरु कहे जाने वाले अस्वथ दामोदरन ने हाल ही में भारत को दुनिया का सबसे महंगा बाजार बताया था।