Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Aug, 2024 03:04 PM
पिछले एक साल में भारतीय शेयर बाजार में तेजी का सिलसिला जारी है। सेंसेक्स और निफ्टी में इस दौरान 28 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली है, जबकि मिडकैप इंडेक्स में 56 फीसदी और निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स में 59 फीसदी की शानदार तेजी आई है। हालांकि, जुलाई में
बिजनेस डेस्कः पिछले एक साल में भारतीय शेयर बाजार में तेजी का सिलसिला जारी है। सेंसेक्स और निफ्टी में इस दौरान 28 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली है, जबकि मिडकैप इंडेक्स में 56 फीसदी और निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स में 59 फीसदी की शानदार तेजी आई है। हालांकि, जुलाई में केवल 39 फीसदी एक्टिव फंड्स ही अपने बेंचमार्क इंडेक्स से बेहतर रिटर्न देने में सफल रहे हैं।
ब्रोकरेज फर्म प्रभुदास लीलाधर की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले महीने कोई भी स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड अपने बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी स्मॉलकैप 250 टीआरआई को पीछे नहीं छोड़ सका। वहीं, 58% लार्जकैप फंड्स ने अपने बेंचमार्क इंडेक्स को आउटपरफॉर्म किया।
पिछले एक साल में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स की सभी श्रेणियों में मिड कैप म्यूचुअल फंड्स ने सबसे अधिक रिटर्न दिया, जिसका औसत 51.36% रहा। इसके मुकाबले लार्जकैप फंड्स ने औसतन 33% और स्मॉलकैप फंड्स ने 47% रिटर्न दिया। बेंचमार्क के मुकाबले एक्टिव फंड्स के कमजोर रिटर्न के कारण निवेशक अब पैसिव फंड्स जैसे इंडेक्स फंड और ईटीएफ में अधिक निवेश कर रहे हैं। इंडेक्स फंड निफ्टी 50, सेंसेक्स, बैंक निफ्टी जैसे इंडेक्स की नकल करते हैं और इनमें शामिल कंपनियों में वेटेज के हिसाब से निवेश करते हैं। इनका रिटर्न उस इंडेक्स के बराबर होता है जिसे ये ट्रैक करते हैं।
सेक्टोरल व थीमैटिक फंड रहे सबसे आगे
इक्विटी फंड फंड श्रेणी में सेक्टोरल व थीमैटिक फंड सबसे निकल चुके हैं। इनका एयूएम पिछले एक साल के दौरान बढ़कर दोगुना से अधिक हो चुकी हैं। सभी म्युचुअल फंड योजनाओं में इस श्रेणी को सबसे अधिक जोखिम वाला समझा जाता है। सेक्टोरल व थीमैटिक फंड की एयूएम जुलाई 2023 में महज 2 लाख करोड़ रुपए था जो बढ़कर जुलाई 2024 के अंत तक 4.21 लाख करोड़ रुपए हो चुका है।