Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Feb, 2025 01:35 PM
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भारतीय शेयर बाजार में आज लगातार चौथे दिन गिरावट जारी रही। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 535.87 अंक गिरकर 75,200.09 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 179.85 अंक टूटकर 22,733.30 पर आ गया। छोटे और मझोले शेयरों में जबरदस्त बिकवाली देखने को मिली, जिससे निवेशकों...
बिजनेस डेस्कः भारतीय शेयर बाजार में आज लगातार चौथे दिन गिरावट जारी रही। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 535.87 अंक गिरकर 75,200.09 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 179.85 अंक टूटकर 22,733.30 पर आ गया। छोटे और मझोले शेयरों में जबरदस्त बिकवाली देखने को मिली, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ।
निफ्टी के 13 में से 12 सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में कारोबार कर रहे थे, जिससे बाजार की कमजोर स्थिति साफ झलक रही थी। सेंसेक्स के प्रमुख शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, अल्ट्राटेक सीमेंट, इंफोसिस, टाटा मोटर्स और मारुति सुजुकी में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई। दूसरी ओर, चीनी शेयर बाजारों में निवेशकों की रुचि बढ़ती नजर आ रही है, जिससे भारत में FIIs की बिकवाली जारी रहने की आशंका है।
बाजार में गिरावट के 5 कारण...
ट्रंप की टैरिफ धमकियां और वैश्विक बाजारों पर असर
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की अपनी रणनीति दोहराई है, जिससे वैश्विक निवेशकों का भरोसा डगमगा गया है। अगर यह टैरिफ लागू होता है, तो भारतीय फार्मा और ऑटोमोबाइल सेक्टर पर खासा दबाव पड़ सकता है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश अधिकारी डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा, "बाजार इस संभावित टैरिफ के व्यापक असर को लेकर चिंतित है लेकिन यह एक शॉर्ट-टर्म ट्रेंड हो सकता है क्योंकि ट्रंप अकसर सौदेबाजी के लिए इस तरह की धमकियां देते हैं।"
विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की बिकवाली लगातार बनी हुई है। गुरुवार को FIIs ने 3,311.55 करोड़ रुपए के शेयर बेच दिए, जिससे इस साल अब तक कुल बिकवाली का आंकड़ा 98,229 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। एनालिस्ट्स का मानना है कि स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों का वैल्यूएशन अभी भी ऊंचा बना हुआ है, जिससे निवेशक सतर्क हो गए हैं। वहीं, कमजोर तिमाही नतीजे और मजबूत अमेरिकी डॉलर ने भी बाजार धारणा पर नकारात्मक असर डाला है।
चीन के शेयर बाजार में निवेशकों की रुचि बढ़ी
चीनी शेयर बाजारों में निवेशकों की दिलचस्पी फिर से लौट रही है। शुक्रवार को हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स 3% से अधिक उछल गया। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अलीबाबा के फाउंडर जैक मा सहित बड़े टेक उद्यमियों के साथ एक अहम बैठक की और कंपनियों से चीन के आर्थिक मॉडल में विश्वास बनाए रखने की अपील की। विजयकुमार ने कहा, "भारत में FIIs की बिकवाली जारी रह सकती है, क्योंकि निवेशक अब चीन की ओर रुख कर रहे हैं, जहां शेयर तुलनात्मक रूप से सस्ते हैं और आर्थिक सुधार के संकेत दे रहे हैं।"
कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से बढ़ी चिंता
कच्चे तेल की कीमतों में लगातार तीसरे सत्र में बढ़ोतरी हुई है, जिससे भारतीय बाजारों के लिए नई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। रूस में सप्लाई से जुड़ी चिंताओं के कारण ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स में तेजी देखी गई। भारत क्रूड ऑयल के सबसे बड़े खरीदारों में से एक है, और इसकी कीमतों में बढ़ोतरी से देश के व्यापार घाटे और महंगाई पर दबाव बढ़ सकता है। ब्याज दरों के ऊंचे बने रहने की संभावना भी बढ़ गई है, जिससे एविएशन, लॉजिस्टिक्स और ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की आय प्रभावित हो सकती है।
ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें कमजोर
अमेरिका में महंगाई के आंकड़े उम्मीद से अधिक आने के बाद फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती की संभावनाएं कमजोर पड़ गई हैं। मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (रिसर्च) प्रशांत तापसे ने कहा, "वॉल स्ट्रीट की गिरावट, ट्रंप की टैरिफ धमकियां, अमेरिका में महंगाई दर का ऊंचा रहना और फेडरल रिजर्व का सतर्क रुख- इन सभी कारणों ने बाजार में उथल-पुथल को और बढ़ा दिया है।"