Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Oct, 2024 02:21 PM
भारतीय टैक्स प्रणाली, महंगाई और आमदनी के बीच का असंतुलन कई लोगों के लिए एक बड़ी समस्या बनी हुई है। भारत में आमदनी कम है, मतलब औसत भारतीय को औसत पश्चिमी लोगों की तुलना में 20 गुना कम भुगतान किया जाता है। लैपटॉप जैसी आवश्यक वस्तुओं के लिए 10 गुना अधिक...
बिजनेस डेस्कः भारतीय टैक्स प्रणाली, महंगाई और आमदनी के बीच का असंतुलन कई लोगों के लिए एक बड़ी समस्या बनी हुई है। भारत में आमदनी कम है, मतलब औसत भारतीय को औसत पश्चिमी लोगों की तुलना में 20 गुना कम भुगतान किया जाता है। लैपटॉप जैसी आवश्यक वस्तुओं के लिए 10 गुना अधिक भुगतान करना पड़ता है जबकि कारों के लिए 50 गुना अधिक, जिससे मध्यवर्ग के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण हो जाता है। यह बात एक एक्स यूजने ट्वीट कर कही है।
बड़े उद्योगपति और व्यवसायी अक्सर नीतियों का फायदा उठाते हैं, जबकि आम जनता को महंगाई और टैक्सेशन के बोझ से गुजरना पड़ता है। साथ ही कई बार सरकारें वोट बैंक की राजनीति के तहत कई तरह की योजनाओं और उपहारों के माध्यम से ध्यान भटकाने की कोशिश करती हैं, जिससे आम लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पाता।
ये मुद्दे समाज में असमानता और आर्थिक तनाव को बढ़ाते हैं। इनका समाधान निकालना बहुत जरूरी है, ताकि मध्यम वर्ग को राहत मिले और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके।