Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Aug, 2024 10:21 AM
सख्त नियमों के कारण वृद्धि में अपेक्षित नरमी के बावजूद भारत का संगठित स्वर्ण ऋण बाजार अगले पांच साल में दोगुना होकर 14.19 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच जाने का अनुमान है। पीडब्ल्यूसी इंडिया (PwC India) की एक रिपोर्ट में यह संभावना जताई गई है। देश के...
बिजनेस डेस्कः सख्त नियमों के कारण वृद्धि में अपेक्षित नरमी के बावजूद भारत का संगठित स्वर्ण ऋण बाजार अगले पांच साल में दोगुना होकर 14.19 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच जाने का अनुमान है। पीडब्ल्यूसी इंडिया (PwC India) की एक रिपोर्ट में यह संभावना जताई गई है। देश के स्वर्ण ऋण बाजार (Gold loan market) पर जारी इस रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 में संगठित स्वर्ण ऋण बाजार की पर्याप्त वृद्धि हुई थी और यह 7.1 लाख करोड़ रुपए के मूल्यांकन पर पहुंच गया था। इसके मुताबिक, पांच साल में 14.85 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर पर सोने के बदले कर्ज का बाजार वित्त वर्ष 2028-29 तक 14.19 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच जाने की संभावना है।
रिपोर्ट कहती है कि भारतीय परिवारों के पास भारी मात्रा में सोना है, जिसके 25,000 टन होने का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय परिवारों के पास मौजूदा सोने की कीमत लगभग 126 लाख करोड़ रुपए है। अगले दो वर्षों में सोने के बदले कर्ज के बाजार में मध्यम वृद्धि देखने को मिलेगी, क्योंकि सोने के बदले कर्ज देने वाले ऋणदाताओं को कर्ज एवं मूल्य (एलटीवी) रखरखाव और नीलामी से संबंधित प्रक्रियाओं के संबंध में नियामक अधिकारियों से बढ़ती जांच का सामना करना पड़ रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है, "इस बाजार की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी के निष्क्रिय होने से चालू वित्त वर्ष में बाजार की वृद्धि पर असर पड़ेगा।"
इसके अलावा, नकद वितरण पर गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) को रिजर्व बैंक की सलाह, जो नकद वितरण की राशि को 20,000 रुपए तक सीमित करती है, ग्राहकों को असंगठित क्षेत्र पर भरोसा करने के लिए प्रेरित कर सकती है। नियामक ने फिनटेक स्टार्टअप के माध्यम से ऋण गतिविधियों के लिए मूल्यांकन प्रक्रिया के बारे में भी चिंता जताई है।
पीडब्ल्यूसी ने कहा कि बढ़ी हुई नियामक जांच और संशोधित दिशानिर्देशों के कारण प्रमुख एनबीएफसी के शेयर की कीमतों में गिरावट आई है। रिपोर्ट में कहा गया है, "सोने के बदले कर्ज देने वाले ऋणदाताओं से इस अवधि का उपयोग यह सुनिश्चित करने की अपेक्षा की जाती है कि वे सभी विनियामक दिशानिर्देशों का अनुपालन कर रहे हैं, साथ ही डिजिटलीकरण पहल के माध्यम से अपने मध्य और बैक ऑफिस को अनुकूलित करने के लिए कई उपाय कर रहे हैं।"