Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Oct, 2024 01:48 PM
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए खुदरा मुद्रास्फीति (Retail Inflation) का अनुमान 4.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने बुधवार को चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान यह जानकारी...
बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए खुदरा मुद्रास्फीति (Retail Inflation) का अनुमान 4.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने बुधवार को चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक को कीमतों की स्थिति पर कड़ी नजर रखनी होगी और मुद्रास्फीति पर सख्ती से नियंत्रण करना होगा, अन्यथा इसमें फिर से वृद्धि हो सकती है।
दास ने बताया कि लचीले मुद्रास्फीति लक्ष्य (FIT) ढांचे के तहत, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति चार प्रतिशत पर बनी रहेगी, जिसमें दो प्रतिशत की घट-बढ़ का मार्जिन होगा। उन्होंने भविष्यवाणी की कि महंगाई दर दूसरी तिमाही में 4.1 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.8 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.2 प्रतिशत रहने की संभावना है। वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान 4.3 प्रतिशत है।
दास ने कहा कि खाद्य कीमतों में संभावित वृद्धि और प्रतिकूल मौसम के प्रभाव से सितंबर में महंगाई दर में वृद्धि हो सकती है। प्याज, आलू, और चना दाल के उत्पादन में कमी इसके प्रमुख कारणों में शामिल है। हालांकि, उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि अच्छी खरीफ फसल और अनाज के पर्याप्त भंडार से चौथी तिमाही में कुल मुद्रास्फीति में कमी आने का अनुमान है।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का भी जिक्र किया और कहा कि खाद्य कीमतों में निकट अवधि में बढ़ोतरी की आशंका के बावजूद घरेलू स्तर पर स्थिति बेहतर हो रही है, जिससे आगे कुल मुद्रास्फीति में कमी आने का संकेत मिलता है।