Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Nov, 2024 05:15 PM
आम आदमी को एक बार फिर महंगाई का झटका लगने वाला है। रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली चीजें जैसे तेल, बिस्कुट, तेल और शैम्पू के दाम बढ़ सकते हैं। दरअसल, FMCG कंपनियों के मार्जिन में जुलाई-सितंबर तिमाही में हाई प्रोडक्शन कॉस्ट और फूड
बिजनेस डेस्कः आम आदमी को एक बार फिर महंगाई का झटका लगने वाला है। रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली चीजें जैसे तेल, बिस्कुट, तेल और शैम्पू के दाम बढ़ सकते हैं। दरअसल, FMCG कंपनियों के मार्जिन में जुलाई-सितंबर तिमाही में हाई प्रोडक्शन कॉस्ट और फूड इनफ्लेशन की वजह से गिरावट आई है, जिसका असर शहरी क्षेत्रों में खपत पर दिखाई दिया है। जिसके चलते अब कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स को महंगा बेच सकती हैं। कुछ कंपनियों ने प्रोडक्ट्स की कीमतें बढ़ाने का भी संकेत दिया है।
इस बात कि सता रही चिंता
हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड से लेकर गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड, मैरिको, ITC और टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में शहरी खपत में कमी की चिंता सता रही है। उनका मानना है कि सितंबर तिमाही के दौरान शहरी क्षेत्रों में बिक्री अनुमान से कम रही है। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के मुताबिक, FMCG सेक्टर की कुल बिक्री में शहरी खपत की हिस्सेदारी 65-68 प्रतिशत रहती है। सितंबर तिमाही के दौरान शहरी क्षेत्रों के मुकाबले ग्रामीण इलाकों में अच्छी बिक्री देखने को मिली है।
GCPL के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO सुधीर सीतापति ने के मुताबिक, दूसरी तिमाही में हुआ नुकसान एक शॉर्ट टर्म झटका है और लागत को स्थिर करके मार्जिन को ठीक कर लेंगे। वहीं इस दौरान हाई फूड इनफ्लेशन और शहरी मांग में कमी भी गिरावट का कारण बताया गया है।
इस क्षेत्र में लगातार हो रही वृद्धि
टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ सुनील डिसूजा के मुताबिक, शहरी क्षेत्रों में कंज्यूमर स्पेंडिंग पर काफी असर पड़ा है। फूड इनफ्लेशन हमारी सोच से कहीं ज्यादा है जिसका असर कंज्यूमर स्पेंडिंग पर पड़ा है। वहीं इस तिमाही में मार्केट वॉल्यूम ग्रोथ सुस्त रही है। हाल की तिमाहियों या तिमाही में शहरी ग्रोथ प्रभावित हुई है, वहीं ग्रामीण क्षेत्र में धीमी वृद्धि जारी है।