Infosys ने GST भुगतान में चोरी से किया इनकार, कहा- सभी नियमों का हो रहा पालन

Edited By jyoti choudhary,Updated: 01 Aug, 2024 05:56 PM

info denies evasion in gst payment says all rules are being followed

सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र की बहुराष्ट्रीय कंपनी इंफोसिस (Infosys) ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) भुगतान में चोरी से साफ इनकार किया और कहा कि कंपनी ने अपने सभी जीएसटी बकाए का भुगतान कर दिया है और इस मामले में केंद्र और राज्य के नियमों का पूरी तरह...

बिजनेस डेस्कः सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र की बहुराष्ट्रीय कंपनी इंफोसिस (Infosys) ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) भुगतान में चोरी से साफ इनकार किया और कहा कि कंपनी ने अपने सभी जीएसटी बकाए का भुगतान कर दिया है और इस मामले में केंद्र और राज्य के नियमों का पूरी तरह से अनुपालन कर रही है।

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इंफोसिस ने गुरुवार को शेयर बाजार को बताया कि यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि जीएसटी भुगतान आईटी सेवाओं के निर्यात के विरुद्ध क्रेडिट या रिफंड के लिए है न कि इंफोसिस के विदेशी शाखा कार्यालयों द्वारा किए गए खर्चों पर। कर्नाटक के जीएसटी अधिकारियों ने इंफोसिस के विदेशी शाखा कार्यालयों द्वारा किए गए खर्चों के लिए जुलाई 2017 से मार्च 2022 की अवधि के लिए 32,403 करोड़ रुपए के जीएसटी के भुगतान के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। 

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कंपनी ने सरकार द्वारा हाल ही में जारी एक परिपत्र का हवाला देते हुए कंपनी ने कहा, 'इंफोसिस का मानना है कि नियमों के अनुसार इन खर्चों पर जीएसटी लागू नहीं होती है। इसके अलावा जीएसटी परिषद की सिफारिशों पर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोडर् (CBDT) और सीमा शुल्क द्वारा जारी एक हालिया परिपत्र (परिपत्र संख्या 210/4/2024 दिनांक 26 जून, 2024) के अनुसार, भारतीय संस्थाओं को विदेशी शाखाओं द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएं जीएसटी के अधीन नहीं हैं।' इंफोसिस ने कहा कि उसने कारण बताओ नोटिस का जवाब दिया है। इस विषय पर समाचार पत्रों में लेखों के प्रकाशन के बाद इसे उसी मामले पर जीएसटी इंटेलिजेंस के महानिदेशक से कारण बताओ नोटिस भी मिला है और कंपनी इसका जवाब देने की प्रक्रिया में है। 

जीएसटी इंटेलिजेंस के महानिदेशक (DGGI) की बैंगलोर इकाई की ओर से जारी नोटिस के अनुसार, इंफोसिस को रिजर्व चार्ज मैकेनिज्म के तहत जीएसटी का भुगतान करना है। इसके तहत सेवा प्राप्तकर्ता को लेवी का भुगतान करना होता है। अधिकांश आईटी कंपनियों ने विदेशों में शाखाएं स्थापित कर ली हैं, जहां कंपनी स्थानीय कानूनों के अनुसार परियोजनाएं चलाती है। 

 

Infosys के समर्थन में आया नैसकॉम

कंपनियों का शीर्ष संगठन नैसकॉम बृहस्पतिवार को इन्फोसिस के समर्थन में खुलकर सामने आया। उसने इन्फोसिस को 32,403 करोड़ रुपए का माल एवं सेवा कर (जीएसटी) नोटिस भेजे जाने पर कहा कि यह कदम उद्योग के परिचालन मॉडल से जुड़ी समझ की कमी को दर्शाता है। सॉफ्टवेयर एवं सेवा कंपनियों के संगठन नैसकॉम ने बयान में इन्फोसिस का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘320 अरब रुपए से अधिक की जीएसटी मांग की हालिया मीडिया रिपोर्ट उद्योग के परिचालन मॉडल के बारे में समझ की कमी को दर्शाती है।''

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