Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Aug, 2024 05:55 PM
आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी इंफोसिस (Infosys) हाल ही में एक बड़ी परेशानी में आ गई थी, जब उसे 4 बिलियन डॉलर (लगभग 33,500 करोड़ रुपए) का जीएसटी नोटिस मिला। इस नोटिस ने आईटी इंडस्ट्री में काफी हड़कंप मचा दिया था और इस तरह की भारी-भरकम टैक्स डिमांड की...
बिजनेस डेस्कः आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी इंफोसिस (Infosys) हाल ही में एक बड़ी परेशानी में आ गई थी, जब उसे 4 बिलियन डॉलर (लगभग 33,500 करोड़ रुपए) का जीएसटी नोटिस मिला। इस नोटिस ने आईटी इंडस्ट्री में काफी हड़कंप मचा दिया था और इस तरह की भारी-भरकम टैक्स डिमांड की कड़ी आलोचना भी हुई थी। इन हालातों को देखते हुए अब केंद्र सरकार इस जीएसटी नोटिस को वापस लेने पर विचार कर रही है। अगर सरकार ऐसा फैसला करती है, तो यह इंफोसिस के लिए बड़ी राहत की बात होगी।
टैक्स डिमांड को वापस ले सकती है सरकार
एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि साल 2017 के लिए की गई इस टैक्स डिमांड को अब सरकार वापस लेने जा रही है। इंफोसिस को यह नोटिस पिछले महीने भेजा गया था। रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) का मानना है कि इंफोसिस को नोटिस नियमों के अनुरूप ही भेजा गया था। मगर, यह सर्विसेज के एक्सपोर्ट पर टैक्स न लगाने के सिद्धांतों के खिलाफ है। हालांकि, वित्त मंत्रालय और इंफोसिस ने फिलहाल इस मामले पर कुछ भी बताने से इंकार कर दिया है।
GST Council की बैठक में हो सकता है ऐलान
सूत्रों ने दावा किया है कि इसके अलावा भारत में काम कर रही एतिहाद (Etihad) और ब्रिटिश एयरवेज (British Airways) जैसी 10 विदेशी एयरलाइन्स को भेजे गए लगभग 1 अरब डॉलर के जीएसटी नोटिस भी सरकार वापस लेने का ऐलान कर सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता और राज्य के वित्त मंत्रियों वाली जीएसटी काउंसिल (GST Council) की 9 सितंबर को होने वाली बैठक के बाद इस बारे में ऐलान किया जा सकता है।
मोहनदास पई ने इस नोटिस को कहा था टैक्स टेररिज्म
इंफोसिस के पूर्व बोर्ड मेंबर और सीएफओ मोहनदास पई (Mohandas Pai) ने इस नोटिस को टैक्स टेररिज्म (Tax Terrorism) बता दिया था। पिछले हफ्ते कंपनी के वाईस प्रेसिडेंट सुनील कुमार धरेश्वर ने अधिकारियों से इस नोटिस को लेकर मुलाकात भी की थी। इसके अलावा आईटी इंडस्ट्री की संस्था NASSC ने भी सरकार से इस मामले में दखल देने की अपील की थी। साथ ही इसे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के खिलाफ भी बताया था।