Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Feb, 2025 05:57 PM
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चालू वित्त वर्ष के पहले 10 महीनों में स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम 1 लाख करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर गया है। यह पिछले साल की समान अवधि में 90,785 करोड़ रुपए से 10% अधिक है। हालांकि, पिछले वित्त वर्ष में 20% वृद्धि के मुकाबले इस साल प्रीमियम ग्रोथ की...
बिजनेस डेस्कः चालू वित्त वर्ष के पहले 10 महीनों में स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम 1 लाख करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर गया है। यह पिछले साल की समान अवधि में 90,785 करोड़ रुपए से 10% अधिक है। हालांकि, पिछले वित्त वर्ष में 20% वृद्धि के मुकाबले इस साल प्रीमियम ग्रोथ की रफ्तार धीमी रही।
व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस में सबसे तेज वृद्धि
पिछले वित्त वर्ष में बीमा प्रीमियम के रूप में कुल 1.07 लाख करोड़ रुपए का भुगतान किया गया था, जबकि जनवरी 2025 तक यह 1 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया। नॉन-लाइफ इंश्योरर्स के आंकड़ों के अनुसार, व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा (Individual Health Insurance) में सबसे तेज 13.5% से बढ़कर 37,068 करोड़ रुपए की वृद्धि दर्ज हुई, जो कुल प्रीमियम का 38% है।
ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस का दबदबा बरकरार
ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस, जिसमें कंपनियां अपने कर्मचारियों के लिए बीमा खरीदती हैं, की हिस्सेदारी 53% रही। इस सेगमेंट में प्रीमियम 12.4% बढ़कर 47,312 करोड़ रुपए हो गया है।
सरकारी स्वास्थ्य बीमा योजनाओं में गिरावट
इसके विपरीत, आयुष्मान भारत जैसी सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं का प्रीमियम 9.7% गिरकर सिर्फ 8,828 करोड़ रुपए रह गया। इन योजनाओं के तहत राज्य सरकारें या तो बीमा खरीदती हैं या क्लेम सेटलमेंट के लिए ट्रस्ट बनाती हैं। वित्त वर्ष 2024 में सरकारी स्कीम, ग्रुप इंश्योरेंस और व्यक्तिगत पॉलिसियों में दोहरे अंकों में वृद्धि दर्ज की गई थी लेकिन इस साल कुल प्रीमियम ग्रोथ घटकर 10.4% पर आ गई।
GST में राहत की बढ़ी मांग
बीमा कंपनियों द्वारा दरों में संशोधन के चलते पॉलिसीहोल्डर्स की संख्या में 10% वृद्धि हुई है। वहीं, प्रीमियम में तेज बढ़ोतरी को देखते हुए हेल्थ इंश्योरेंस पर 18% GST में छूट की मांग तेज हो गई है।