Edited By jyoti choudhary,Updated: 30 May, 2024 06:23 PM
अधिक रिटर्न और कर लाभ की संभावनाओं से सरकारी स्वर्ण बॉन्ड की तरफ रुझान बढ़ रहा है। निवेशकों ने पिछले वित्त वर्ष में 27,031 करोड़ रुपए के बॉन्ड खरीदे जो 2022-23 में खरीदे गए स्वर्ण बॉन्ड का चार गुना हैं। वित्त वर्ष 2023-24 में सरकारी स्वर्ण बॉन्ड...
मुंबईः अधिक रिटर्न और कर लाभ की संभावनाओं से सरकारी स्वर्ण बॉन्ड की तरफ रुझान बढ़ रहा है। निवेशकों ने पिछले वित्त वर्ष में 27,031 करोड़ रुपए के बॉन्ड खरीदे जो 2022-23 में खरीदे गए स्वर्ण बॉन्ड का चार गुना हैं। वित्त वर्ष 2023-24 में सरकारी स्वर्ण बॉन्ड (एसजीबी) के जरिये 44.34 टन सोने की खरीद 6,551 करोड़ रुपए में की गई। बॉन्ड जारी करने वाले रिजर्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2023-24 के दौरान एसजीबी से जुटाई गई कुल राशि 27,031 करोड़ रुपए (44.34 टन) है। पिछले वित्त वर्ष में एसजीबी को चार चरणों में जारी किया गया था। नवंबर, 2015 में एसजीबी योजना की शुरुआत के बाद से 67 चरणों में कुल 72,274 करोड़ रुपए (146.96 टन) जुटाए गए हैं। पिछले एक साल में 24 कैरेट प्रति 10 ग्राम सोने की कीमत लगभग 62,300 रुपए से बढ़कर 73,200 रुपए हो गई है।
एसजीबी सोने के ग्राम में अंकित होने वाली सरकारी प्रतिभूतियां हैं। ये भौतिक सोने का विकल्प हैं। ये बॉन्ड पूंजीगत लाभ कर से भी मुक्त हैं। इसके अलावा, बॉन्ड पर शुरुआती निवेश की राशि पर सालाना 2.50 प्रतिशत की दर से ब्याज भी मिलता है। एसजीबी एक ग्राम सोने के मूल्य-वर्ग तथा उसके गुणकों में जारी किए जाते हैं। न्यूनतम निवेश एक ग्राम होना चाहिए जबकि व्यक्तियों के लिए अधिकतम चार किलोग्राम निवेश की सीमा है। सरकारी स्वर्ण बॉन्ड राष्ट्रीयकृत बैंकों, अधिसूचित निजी बैंकों, विदेशी बैंकों, नामित डाकघरों, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल) और अधिकृत शेयर बाजारों के कार्यालयों या शाखाओं के जरिये सीधे या उनके एजेंटों के जरिये बेचे जाते हैं।