Edited By jyoti choudhary,Updated: 07 Sep, 2024 01:56 PM
इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI ने बीमा पॉलिसीहोल्डर्स के अधिकारों से संबंधित एक नया मास्टर सर्कुलर जारी किया है। इस सर्कुलर में ई-इंश्योरेंस पॉलिसियों, हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों के क्लेम सेटलमेंट की समयसीमा और कई हेल्थ बीमा पॉलिसियों वाले...
बिजनेस डेस्कः इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI ने बीमा पॉलिसीहोल्डर्स के अधिकारों से संबंधित एक नया मास्टर सर्कुलर जारी किया है। इस सर्कुलर में ई-इंश्योरेंस पॉलिसियों, हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों के क्लेम सेटलमेंट की समयसीमा और कई हेल्थ बीमा पॉलिसियों वाले पॉलिसीहोल्डर्स के अधिकारों को शामिल किया गया है।
यहां सर्कुलर के मुख्य बिंदु दिए गए हैं...
सभी इंश्योरेंस पॉलिसियां e-format में
सभी बीमा पॉलिसियां इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में जारी करनी होगी। ग्राहक ई-इंश्योरेंस पॉलिसियों पर डिजिटल हस्ताक्षर कर सकते हैं। अगर ग्राहक फिजिकल पॉलिसी दस्तावेज चाहते हैं, तो उन्हें प्रपोजल फॉर्म में इसका उल्लेख करना होगा।
समय सीमा
बीमा कंपनी को प्रपोजल फॉर्म स्वीकार करने के 15 दिनों के भीतर पॉलिसी जारी करनी होगी। नए नियमों के तहत इंश्योरेंस कंपनी को प्रपोजल फॉर्म के साथ इनीशिजल प्रीमियम जमा करने की अनुमति नहीं है।
दस्तावेज मिले
पॉलिसीहोल्डर को बीमा कंपनी से निम्नलिखित दस्तावेज प्राप्त करने चाहिए: पॉलिसी दस्तावेज के लिए कवरिंग लेटर जिसमें फ्री लुक अवधि की जानकारी हो, पॉलिसी दस्तावेज, प्रपोजल फॉर्म की एक प्रति, बेनिफिट इलेस्ट्रेशन की प्रति और ग्राहक सूचना पत्र।
CIS अनिवार्य
Customer Information Sheet (CIS) एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जिसे कंपनी अपने ग्राहकों को उनकी बीमा पॉलिसियों के साथ प्रदान करेगी। यह पॉलिसी की मुख्य विशेषताओं और लाभों का सारांश प्रदान करता है।
30 दिन का फ्री लुक पीरियड
एक साल या उससे अधिक की लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए, पॉलिसीहोल्डर को 30 दिनों की फ्री लुक पीरियड मिलेगी। अगर पॉलिसीहोल्डर पॉलिसी की शर्तों से असंतुष्ट हैं, तो वह इन 30 दिनों के भीतर पॉलिसी को रद्द कर सकता है।