Edited By Mahima,Updated: 02 Nov, 2024 03:10 PM
भारत में वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में लौह अयस्क का उत्पादन 5.5% बढ़कर 135 मिलियन टन हो गया है। इसी दौरान, मैंगनीज अयस्क का उत्पादन 6.2% बढ़कर 1.7 मिलियन टन, प्राथमिक एल्युमीनियम 1.2% बढ़कर 20.90 लाख टन और परिष्कृत तांबा 4.6% बढ़कर 2.50 लाख टन...
नेशनल डेस्क: भारत के खान मंत्रालय ने हाल ही में बताया कि चालू वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में लौह अयस्क का उत्पादन 135 मिलियन टन (एमटी) तक पहुँच गया है। यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 128 मीट्रिक टन के मुकाबले 5.5% की वृद्धि को दर्शाता है। यह वृद्धि भारत के खनन क्षेत्र में सुधार और विकास की ओर इशारा करती है।
लौह अयस्क उत्पादन का विवरण
लौह अयस्क उत्पादन में इस वृद्धि का मुख्य कारण विभिन्न उपयोगकर्ता क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों में सुधार है। विशेषकर बुनियादी ढांचे, निर्माण, ऑटोमोटिव और मशीनरी जैसे क्षेत्रों में विकास ने इस क्षेत्र में मांग को बढ़ाया है। पिछले वर्ष की तुलना में इस साल के आंकड़े दिखाते हैं कि लौह अयस्क की खपत में भी इजाफा हुआ है, जो औद्योगिक जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
मैंगनीज अयस्क का उत्पादन
लौह अयस्क के अलावा, भारत में मैंगनीज अयस्क का उत्पादन भी इस वित्त वर्ष में बढ़ा है। यह 6.2% की वृद्धि के साथ 1.7 मिलियन टन तक पहुँच गया। मैंगनीज अयस्क का उपयोग स्टील निर्माण में होता है, और इसकी बढ़ती खपत से यह संकेत मिलता है कि निर्माण क्षेत्र में गतिविधियाँ बढ़ रही हैं।
अन्य धातुओं का उत्पादन
अलौह धातुओं के उत्पादन में भी सकारात्मक वृद्धि देखी गई है। प्राथमिक एल्युमीनियम का उत्पादन 20.90 लाख टन (एलटी) हो गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 1.2% अधिक है। परिष्कृत तांबे का उत्पादन भी 4.6% बढ़कर 2.50 लाख टन हो गया है। भारत इस क्षेत्र में विश्व के शीर्ष उत्पादकों में से एक है, और यह वृद्धि उद्योग की मजबूती को दर्शाती है।
भारत की स्थिति
मंत्रालय के अनुसार, भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा एल्युमीनियम उत्पादक है और परिष्कृत तांबे के शीर्ष 10 उत्पादकों में भी शामिल है। इसके अलावा, भारत चौथा सबसे बड़ा लौह अयस्क उत्पादक भी है। मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि ये आंकड़े उद्योग में जारी गतिविधियों की सकारात्मक दिशा को दर्शाते हैं, जो देश की आर्थिक मजबूती के लिए आवश्यक हैं।
कोयला उत्पादन में वृद्धि
कोयला उत्पादन में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। अक्टूबर 2024 में कोयला उत्पादन 84.45 मीट्रिक टन तक पहुँच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 7.48% अधिक है। कोयला मंत्रालय ने बताया कि इस वित्त वर्ष के लिए संचयी कोयला उत्पादन 537.45 मीट्रिक टन तक पहुँच गया है, जो 6.10% की वृद्धि दर्शाता है। यह आंकड़ा ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है और भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करता है।
भविष्य की संभावनाएँ
इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि भारत की खनन और धातु उत्पादन क्षेत्र में लगातार सुधार हो रहा है। यह न केवल औद्योगिक विकास को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि रोजगार के अवसर भी उत्पन्न कर रहा है। आने वाले समय में, इन क्षेत्रों में और अधिक विकास की उम्मीद है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है। संक्षेप में, वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में लौह अयस्क, मैंगनीज, अलौह धातुओं और कोयले के उत्पादन में वृद्धि से स्पष्ट है कि भारत का खनन उद्योग एक स्थिर और सकारात्मक दिशा में बढ़ रहा है। यह आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बना हुआ है, जो न केवल घरेलू जरूरतों को पूरा कर रहा है बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारत की प्रतिस्पर्धा को मजबूत कर रहा है।