Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Feb, 2025 04:11 PM
![jan retail inflation eases to 4 31 industrial output grows 3 2 in dec](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_16_01_013474063vege-ll.jpg)
आज यानी 12 फरवरी को जनवरी महीने के रिटेल महंगाई दर के आंकडे जारी होंगे। एक्सपर्ट्स के अनुसार इस महीने महंगाई में गिरावट देखने को मिल सकती है। इससे पहले दिसंबर में महंगाई घटकर 5.22% हो गई थी। वहीं नवंबर में महंगाई दर 5.48% पर थी।
बिजनेस डेस्कः आज यानी 12 फरवरी को जनवरी महीने के रिटेल महंगाई दर के आंकडे जारी हो गए हैं। भारत की खुदरा महंगाई (Retail Inflation) जनवरी 2025 में घटकर 4.31% पर आ गई, जो दिसंबर 2024 में 5.22% थी। यह गिरावट मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी के कारण आई है। यह लगातार गिरावट भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 2-6% के टॉलरेंस बैंड के मध्य स्तर के करीब पहुंच रही है।
दूसरी ओर देश के औद्योगिक उत्पादन (Industrial Output) में दिसंबर 2024 के दौरान 3.2% की सालाना वृद्धि दर्ज की गई, जो नवंबर 2024 में 5.2% थी। इसका मतलब है कि औद्योगिक क्षेत्र की ग्रोथ थोड़ी सुस्त पड़ी है।
कैसे प्रभावित करती है?
महंगाई का सीधा संबंध पर्चेजिंग पावर से है। उदाहरण के लिए यदि महंगाई दर 6% है, तो अर्जित किए गए 100 रुपए का मूल्य सिर्फ 94 रुपए होगा। इसलिए महंगाई को देखते हुए ही निवेश करना चाहिए। नहीं तो आपके पैसे की वैल्यू कम हो जाएगी।
महंगाई कैसे बढ़ती-घटती है?
महंगाई का बढ़ना और घटना प्रोडक्ट की डिमांड और सप्लाई पर निर्भर करता है। अगर लोगों के पास पैसे ज्यादा होंगे तो वे ज्यादा चीजें खरीदेंगे। ज्यादा चीजें खरीदने से चीजों की डिमांड बढ़ेगी और डिमांड के मुताबिक सप्लाई नहीं होने पर इन चीजों की कीमत बढ़ेगी।
इस तरह बाजार महंगाई की चपेट में आ जाता है। सीधे शब्दों में कहें तो बाजार में पैसों का अत्यधिक बहाव या चीजों की शॉर्टेज महंगाई का कारण बनता है। वहीं अगर डिमांड कम होगी और सप्लाई ज्यादा तो महंगाई कम होगी।