Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Dec, 2024 11:39 AM
JSW एनर्जी ने रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में अपनी मौजूदगी को और मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने ₹12,468 करोड़ की एंटरप्राइज वैल्यू पर O2 पावर का अधिग्रहण करने की घोषणा की है। यह सौदा न केवल JSW एनर्जी के विस्तार योजनाओं का हिस्सा...
बिजनेस डेस्कः JSW एनर्जी ने रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में अपनी मौजूदगी को और मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने ₹12,468 करोड़ की एंटरप्राइज वैल्यू पर O2 पावर का अधिग्रहण करने की घोषणा की है। यह सौदा न केवल JSW एनर्जी के विस्तार योजनाओं का हिस्सा है, बल्कि क्लीन और ग्रीन एनर्जी के प्रति उसकी लॉन्ग टर्म कमिटमेंट को भी दर्शाता है।
O2 पावर सोलर एंड विंड एनर्जी के क्षेत्र में कार्यरत एक अग्रणी कंपनी है, जो वर्तमान में लगभग 2.3 गीगावाट की रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स का संचालन कर रही है। इस अधिग्रहण से JSW एनर्जी की कुल ऊर्जा उत्पादन क्षमता 10 गीगावाट के पार पहुंच जाएगी। यह सौदा कंपनी के स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन में बड़ा योगदान देगा और इसे अपने 2040 तक नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।
कंपनी का बयान
JSW एनर्जी के प्रबंध निदेशक और सीईओ प्रदीप जिंदल ने कहा, “O2 पावर का अधिग्रहण हमारी दीर्घकालिक विकास रणनीति और नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह सौदा हमें स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी बनने के हमारे मिशन को और मजबूती देगा।” O2 पावर की परियोजनाओं में विभिन्न सौर और पवन ऊर्जा संयंत्र शामिल हैं, जो भारत में हरित ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में सहायक हैं। इस अधिग्रहण के तहत, JSW एनर्जी O2 पावर के सभी मौजूदा और आगामी परियोजनाओं का संचालन करेगी। यह कंपनी के नवीकरणीय ऊर्जा पोर्टफोलियो को और विविधतापूर्ण बनाएगा और बाजार में उसकी हिस्सेदारी बढ़ाएगा।
विश्लेषकों का मानना है कि यह अधिग्रहण JSW एनर्जी के लिए एक रणनीतिक कदम है। इससे कंपनी को न केवल अपनी वर्तमान ऊर्जा उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाने में मदद मिलेगी, बल्कि नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त भी मिलेगी। यह सौदा भारत में हरित ऊर्जा उत्पादन को प्रोत्साहित करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के साथ भी मेल खाता है। O2 पावर के अधिग्रहण के साथ, JSW एनर्जी ने भारत के नवीकरणीय ऊर्जा बाजार में अपनी स्थिति को और मजबूत किया है। यह कदम आने वाले समय में स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में अधिक निवेश और साझेदारियां लाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।