Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Apr, 2025 12:50 PM
शेयर बाजार में एक बार फिर जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है, जिससे सेंसेक्स-निफ्टी नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ते नजर आ रहे हैं। इस रिकवरी से म्यूचुअल फंड निवेशकों में भी नई उम्मीद जगी है। ऐसे माहौल में अगर आप भी अच्छे रिटर्न देने वाले म्यूचुअल फंड की तलाश...
बिजनेस डेस्कः शेयर बाजार में एक बार फिर जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है, जिससे सेंसेक्स-निफ्टी नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ते नजर आ रहे हैं। इस रिकवरी से म्यूचुअल फंड निवेशकों में भी नई उम्मीद जगी है। ऐसे माहौल में अगर आप भी अच्छे रिटर्न देने वाले म्यूचुअल फंड की तलाश में हैं, तो Nippon India के खास फंड के बारे में जान लें, जिसने हाल ही में अपने निवेशकों को शानदार रिटर्न देकर सबको चौंका दिया है।
कैसे बना मामूली निवेश से करोड़ों का फंड?
मान लीजिए किसी निवेशक ने 20 साल पहले हर महीने ₹7,976 की SIP शुरू की होती, तो अब तक उसका कुल निवेश ₹19.14 लाख होता लेकिन फंड के शानदार प्रदर्शन के चलते यह रकम बढ़कर ₹2.57 करोड़ हो जाती। इसमें से ₹2.38 करोड़ का फायदा सिर्फ कंपाउंडिंग और ब्याज से हुआ है यानी अनुशासन और धैर्य के साथ किया गया निवेश बड़ा बदलाव ला सकता है।
कब हुआ था लॉन्च?
Nippon India Growth Mid-Cap Fund की शुरुआत 10 अगस्त 1995 को हुई थी। तब से लेकर अब तक यह फंड औसतन 22% सालाना रिटर्न दे रहा है। यह ट्रैक रिकॉर्ड दिखाता है कि लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए यह फंड वैल्थ क्रिएशन का एक मजबूत जरिया साबित हो सकता है।
किन कंपनियों में होता है निवेश?
यह फंड मुख्य रूप से मिड-कैप कंपनियों में निवेश करता है। ऐसी कंपनियां भविष्य में लार्ज कैप बनने की क्षमता रखती हैं। इनमें ग्रोथ की संभावनाएं ज्यादा होती हैं लेकिन जोखिम भी उतना ही अधिक रहता है। इसलिए यह फंड उन निवेशकों के लिए उपयुक्त है जो लॉन्ग टर्म सोच रखते हैं और मार्केट उतार-चढ़ाव को संभाल सकते हैं।
SIP के ज़रिए करें स्मार्ट निवेश
SIP एक ऐसा निवेश तरीका है जो आपको छोटी रकम से भी बड़े लक्ष्य तक पहुंचा सकता है। अगर आप जल्दी शुरुआत करते हैं, अनुशासित रहते हैं और धैर्य रखते हैं, तो म्यूचुअल फंड के ज़रिए करोड़ों का फंड तैयार करना कोई सपना नहीं रह जाता।
निवेश से पहले किन बातों का रखें ध्यान?
- फंड का पिछला प्रदर्शन चेक करें
- उसकी जोखिम प्रोफाइल को समझें
- फंड मैनेजमेंट टीम का रिकॉर्ड देखें
- और सबसे जरूरी, अपने लक्ष्य और रिस्क टॉलरेंस के अनुसार ही निवेश करें