Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Jun, 2024 01:55 PM
आईटी क्षेत्र के कर्मचारी संघ ‘नाइट्स' ने श्रम एवं रोजगार मंत्रालय से प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी इंफोसिस के 2,000 से अधिक कैंपस भर्तियों में बार-बार हो रही देरी की जांच करने का आग्रह किया है। नेसेंट इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉइज सीनेट...
नई दिल्लीः आईटी क्षेत्र के कर्मचारी संघ ‘नाइट्स' ने श्रम एवं रोजगार मंत्रालय से प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी इंफोसिस के 2,000 से अधिक कैंपस भर्तियों में बार-बार हो रही देरी की जांच करने का आग्रह किया है। नेसेंट इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉइज सीनेट (नाइट्स) ने आरोप लगाया कि यह देरी दो वर्षों से अधिक समय से जारी है। इससे प्रभावित पेशेवरों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है और वे 'अनिश्चितता' में फंसे हुए हैं। इंफोसिस ने हालांकि अभी तक इसको लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है।
नेसेंट इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉइज सीनेट के अध्यक्ष हरप्रीत सिंह सलूजा ने आरोप लगाया कि इंफोसिस की कार्रवाई इन युवा पेशेवरों के साथ 'गंभीर विश्वासघात है।' उन्होंने कहा, ‘‘कई लोगों ने इन्फोसिस के ‘ऑफर लेटर' पर भरोसा करके अन्य नौकरियों को ठुकरा दिया। अब आय की कमी तथा अस्पष्ट भर्ती समयसीमा के कारण उन्हें वित्तीय कठिनाई और अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है।''
नाइट्स ने श्रम एवं रोजगार मंत्रालय को पत्र लिखकर मामले की जांच की मांग की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इंफोसिस अपने नए कर्मचारियों के प्रति अपने दायित्वों को पूरा करे। उसने प्रभावित पेशेवरों को नियुक्ति में हुई देरी की अवधि का पूर्ण वेतन दिए जाने की भी मांग की है।