Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Jul, 2024 11:17 AM
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प्रमुख इंजीनियरिंग कंपनी लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी) के वरिष्ठ अधिकारियों ने मंगलवार को सऊदी अरामको से नया ऑर्डर मिलने की खबरों को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह ऑर्डर कंपनी के मौजूदा ऑर्डर बुक का हिस्सा है। एलऐंडटी के पूर्णकालिक निदेशक और अध्यक्ष...
नई दिल्लीः प्रमुख इंजीनियरिंग कंपनी लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी) के वरिष्ठ अधिकारियों ने मंगलवार को सऊदी अरामको से नया ऑर्डर मिलने की खबरों को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह ऑर्डर कंपनी के मौजूदा ऑर्डर बुक का हिस्सा है। एलऐंडटी के पूर्णकालिक निदेशक और अध्यक्ष (ऊर्जा) सुब्रमण्यन शर्मा ने कहा, ‘यह 35,000 करोड़ रुपए से अधिक के ऑर्डर का हिस्सा है जिसके बारे में एक्सचेंज को पहले (वित्त वर्ष 2024 में) जानकारी दी जा चुकी है। अब सभी ठेकेदारों को बुलाकर उन्हें औपचारिक तरीके से कार्यभार सौंपने के लिए एक समारोह आयोजित किया गया।’
एलऐंडटी का शेयर आज 2.74 फीसदी बढ़त के साथ 3,624.25 रुपए पर बंद हुआ। नया ऑर्डर मिलने की चर्चा से कंपनी के शेयर को बल मिला। मगर शर्मा ने स्पष्ट किया कि यह ऑर्डर इसी साल मार्च तक के लिए दर्ज 4.75 लाख करोड़ रुपए के बकाया ऑर्डरबुक का हिस्सा है। इसके बारे में जानकारी पहले ही दी जा चुकी है।
शर्मा ने वित्त वर्ष 2025 में पश्चिम एशिया से अच्छे ऑर्डर मिलने की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा, ‘हम अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम दोनों में कुछ बड़ी परियोजनाएं तलाश रहे हैं। इसलिए मैं समझता हूं कि हमारी संभावित परियोजनाओं के लिए आसार अच्छे दिख रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया से ऑर्डर हासिल करने के लिहाज से वित्त वर्ष 2024 काफी अच्छा रहा और चालू वित्त वर्ष के दौरान पश्चिम एशिया से ऑर्डर प्रवाह में नहीं, बल्कि ऑर्डर बुक में एक साल पहले के मुकाबले सकारात्मक वृद्धि दिखेगी।
शर्मा ने कहा, ‘मैं काफी आशान्वित हूं कि इस साल भी हमारा ऑर्डर प्रवाह अच्छा रहेगा। ऑर्डर प्रवाह बढ़ने से ऑर्डर बुक में भी वृद्धि होगी।’ पिछले एक साल के दौरान एलऐंडटी के ऑर्डर बुक में सऊदी अरब और खास तौर पर सऊदी अरामको का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। मार्च तक एलऐंडटी को मिले 3.02 लाख करोड़ रुपए के ऑर्डर में 38 फीसदी और एऐंडटी के 4.75 लाख करोड़ रुपए के ऑर्डर बुक में 35 फीसदी योगदान पश्चिम एशिया का रहा था। कंपनी के करीब 1.81 लाख करोड़ रुपए के अंतराष्ट्रीय ऑर्डर बुक में पश्चिम एशिया का योगदान 92 फीसदी था।
ऑर्डर प्रवाह में इतने बड़े योगदान के साथ-साथ सऊदी अरब के नए निवेशों के प्रति सतर्क दृष्टिकोण के कारण विश्लेषकों ने एलऐंडटी के लिए पश्चिम एशिया में संभावनाओं पर संदेह जताया। सऊदी अरामको के बारे शर्मा ने कहा, ‘वे निवेश कर रहे हैं। हमें उनकी भावना में कोई बदलाव नहीं दिखा है। इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है।’ अक्षय ऊर्जा श्रेणी में ऑर्डर की संभावनाओं के बारे में शर्मा ने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय बाजार से ऑर्डर मिलने के लिए हमें अच्छी संभावना दिख रही है।’
कंपनी की ग्रीन हाइड्रोजन योजना के बारे में उन्होंने कहा, ‘ग्रीन हाइड्रोजन संबंधी गतिविधियां बढ़ी हैं। तमाम निविदाओं के साथ उसमें रफ्तार दिख रही है, मगर अधिकतर निविदाएं घरेलू हैं।’ उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से कई निविदाएं जारी की गई हैं और एलऐंडटी उनमें शिरकत कर रही है।