LG Electronics IPO: भारत में बढ़ती कोरियाई कंपनियों की दिलचस्पी, LG लाएगा IPO

Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Aug, 2024 12:38 PM

lg electronics ipo interest of korean companies growing in india

दक्षिण कोरियाई कंपनियां भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) में तेजी से अपनी दिलचस्पी दिखा रही हैं। कुछ महीनों पहले हुंडई (Hyundai) को भारत में अपने IPO के लिए मंजूरी मिली थी, जो संभावित रूप से देश का सबसे बड़ा आईपीओ हो सकता है। अब एक और कोरियाई...

बिजनेस डेस्कः दक्षिण कोरियाई कंपनियां भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) में तेजी से अपनी दिलचस्पी दिखा रही हैं। कुछ महीनों पहले हुंडई (Hyundai) को भारत में अपने IPO के लिए मंजूरी मिली थी, जो संभावित रूप से देश का सबसे बड़ा आईपीओ हो सकता है। अब एक और कोरियाई कंपनी एलजी (LG) भी भारतीय शेयर बाजार में अपना आईपीओ लाने पर विचार कर रही है। LG के सीईओ विलियम चो ने बताया कि दशकों पुराने कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स बिजनेस को पुनर्जीवित करने के लिए भारतीय बाजार में प्रवेश कई विकल्पों में से एक है।

भारत के शेयर बाजार का आकर्षण

हुंडई और एलजी दोनों ही कंपनियां भारत के शेयर बाजार को अपने ग्रोथ के लिए महत्वपूर्ण मानती हैं। हुंडई को उम्मीद है कि भारत में लिस्टिंग से कंपनी की विजिबिलिटी और ब्रांड इमेज में सुधार होगा और शेयरों के लिए अधिक लिक्विडिटी और पब्लिक मार्केट उपलब्ध होगी। वहीं, एलजी का लक्ष्य 2030 तक इलेक्ट्रॉनिक्स रेवेन्यू में 75 बिलियन डॉलर हासिल करना है और तेजी से बढ़ते भारतीय शेयर बाजार में प्रवेश करने का विचार कर रही है।

IPO के प्रति बढ़ता रुझान

पैंटोमैथ ग्रुप की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हाल के दिनों में घरेलू आईपीओ बाजार में जबरदस्त उछाल देखा गया है, जिससे भारत भविष्य में ग्लोबल कंपनियों के लिए नई इक्विटी फंडिंग का केंद्र बनने के लिए तैयार है।

आईपीओ का बूम

विशेषज्ञों का मानना है कि दूसरी छमाही में देश की 55 कंपनियां लगभग 68,000 करोड़ रुपए जुटाने की तैयारी में हैं। बाजार में बेहतर सेंटीमेंट्स और संभावित स्थिर आर्थिक माहौल के चलते कंपनियों को अपना आईपीओ लॉन्च करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। 2024 की पहली छमाही में 35 मेनबोर्ड आईपीओ आए, जिन्हें 61 गुना का औसत सब्सक्रिप्शन प्राप्त हुआ और लगभग 32,000 करोड़ रुपए जुटाए।

दक्षिण कोरियाई कंपनियों का भारत में लिस्टिंग का निर्णय

दक्षिण कोरियाई कंपनियों के भारत में लिस्टिंग का एक प्रमुख कारण यह है कि उन्हें घरेलू बाजार में लो वैल्यूएशन के साथ संघर्ष करना पड़ता है। 'कोरिया डिस्काउंट' शब्द का इस्तेमाल कम डिविडेंड और जियो पॉलिटिकल टेंशन के कारण ग्लोबल प्रतियोगियों की तुलना में दक्षिण कोरियाई कंपनियों की कम वैल्यूएशन को दर्शाने के लिए किया जाता है।

चैबोल, दक्षिण कोरिया में बड़े बिजनेस ग्रुप्स हैं जो आमतौर पर परिवार द्वारा नियंत्रित होते हैं और जिन्हें 'रिच फैमिली' या 'फैमिली कंट्रोल बिजनेस ग्रुप' भी कहा जाता है। सैमसंग, हुंडई, और एलजी कुछ बड़े चैबोल हैं जिन्होंने ग्लोबल स्तर पर अपनी सफलता हासिल की है और दक्षिण कोरिया को ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर ऊंचे पायदान पर खड़ा किया है।

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