Edited By Anu Malhotra,Updated: 01 Apr, 2025 01:43 PM
कई लोग लोन लेकर अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करते हैं, लेकिन कभी-कभी अनचाही घटनाएं घटित हो जाती हैं, जैसे कि लोन लेने वाले की मौत। ऐसे में एक बड़ा सवाल उठता है – अगर लोन लेने वाले की मौत हो जाए तो उसकी बाकी की जिम्मेदारी कौन निभाएगा, और क्या लोन की...
बिजनेस डेस्क: कई लोग लोन लेकर अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करते हैं, लेकिन कभी-कभी अनचाही घटनाएं घटित हो जाती हैं, जैसे कि लोन लेने वाले की मौत। ऐसे में एक बड़ा सवाल उठता है – अगर लोन लेने वाले की मौत हो जाए तो उसकी बाकी की जिम्मेदारी कौन निभाएगा, और क्या लोन की बकाया राशि और ब्याज का भुगतान होगा?
बैंक का नियम क्या है?
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लोन लेने वाले की मृत्यु पर बकाया लोन की जिम्मेदारी
को-एप्लिकेंट (सह-आवेदक) से संपर्क
अगर लोन लेने वाले व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो बैंक सबसे पहले को-एप्लिकेंट से संपर्क करता है, जो आमतौर पर होम लोन, एजुकेशन लोन या जॉइंट लोन में लोन लेने वाले के साथ दर्ज होता है। अगर सह-आवेदक कर्ज चुकाने में असमर्थ होता है, तो बैंक गारंटर (Guarantor) से संपर्क करता है।
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लोन बीमा (Loan Insurance)
कई बैंकों में लोन लेने के दौरान लोन बीमा (Loan Protection Insurance) का विकल्प भी होता है। अगर व्यक्ति ने लोन बीमा लिया हो, तो उसकी मृत्यु के बाद बीमा कंपनी बकाया लोन की राशि का भुगतान करती है। यह बीमा राशि बकाया लोन की कुल राशि के बराबर होती है और लोन चुकाने के लिए किसी और पर जिम्मेदारी नहीं आती।
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गैर-बीमित लोन के लिए उत्तराधिकारी की जिम्मेदारी
अगर लोन बीमा नहीं लिया गया था, तो लोन की बाकी रकम और ब्याज का भुगतान अब उत्तराधिकारी (जैसे कि परिवार के सदस्य) को करना पड़ सकता है। उत्तराधिकारी को बैंक के साथ संपर्क करके लोन की शर्तों को समझना होगा और तय करना होगा कि किस प्रकार से लोन का भुगतान किया जाएगा।
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नॉमिनी या उत्तराधिकारी द्वारा लोन चुकाने की प्रक्रिया
लोन चुकाने की प्रक्रिया में बैंक और परिवार के सदस्य या नॉमिनी के बीच बातचीत और जरूरी कागजी कार्रवाई होती है। नॉमिनी को बैंक से मृत्यु प्रमाणपत्र और अन्य जरूरी दस्तावेजों की मांग की जा सकती है। इसके बाद, बैंक तय करता है कि लोन चुकता करना है या नहीं, और यदि चुकता करना है तो उसकी प्रक्रिया क्या होगी।
बैंक का संपत्ति जब्त करने का अधिकार
यदि को-एप्लिकेंट, गारंटर या कानूनी उत्तराधिकारी में से कोई भी लोन चुकाने में असमर्थ होता है, तो बैंक के पास मृतक की संपत्ति को सीज करने और उसे बेचने का अधिकार होता है।
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होम लोन: बैंक मृतक के मकान को सीज कर सकता है और नीलामी के माध्यम से उसे बेचकर कर्ज की वसूली कर सकता है।
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ऑटो लोन: बैंक वाहन को जब्त कर उसे बेच सकता है।
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पर्सनल लोन: बैंक अन्य संपत्तियों को नीलाम करके कर्ज की वसूली करता है।
कानूनी उत्तराधिकारी की जिम्मेदारी
अगर कानूनी उत्तराधिकारी ने मृतक की संपत्ति को उत्तराधिकार के रूप में स्वीकार नहीं किया है, तो वह लोन चुकाने के लिए बाध्य नहीं होता। हालांकि, यदि उसने संपत्ति स्वीकार कर ली है, तो उसे कर्ज चुकाना होगा।