Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Jun, 2024 11:32 AM
![loans worth rs 9 63 lakh crore sanctioned in real estate](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_6image_11_32_106321883home-ll.jpg)
वर्ष 2018-23 के दौरान रियल एस्टेट क्षेत्र में 9.63 लाख करोड़ रुपए के ऋण स्वीकृत हुए थे और अगले तीन वर्षों में 14 लाख करोड़ रुपए के ऋण वित्तपोषण की संभावना है। एक रिपोर्ट में यह उम्मीद जताई गई है। रियल एस्टेट परामर्शदाता जेएलएल इंडिया और रियल एस्टेट...
नई दिल्लीः वर्ष 2018-23 के दौरान रियल एस्टेट क्षेत्र में 9.63 लाख करोड़ रुपए के ऋण स्वीकृत हुए थे और अगले तीन वर्षों में 14 लाख करोड़ रुपए के ऋण वित्तपोषण की संभावना है। एक रिपोर्ट में यह उम्मीद जताई गई है। रियल एस्टेट परामर्शदाता जेएलएल इंडिया और रियल एस्टेट डेटा विश्लेषक प्रॉपस्टैक की एक संयुक्त रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में रियल एस्टेट क्षेत्र में पिछले छह वर्षों में 9,63,441 करोड़ रुपए के ऋण स्वीकृत हुए हैं। इस तरह औसतन 1,61,000 करोड़ रुपये के ऋण हर साल स्वीकृत हुए।
सलाहकार फर्म ने कहा, ‘‘कुल ऋण बाजार में 2024-2026 के बीच भारतीय रियल एस्टेट में 14,00,000 करोड़ रुपये (170 अरब डॉलर) के वित्तपोषण के अवसर की संभावना है।'' देश के शीर्ष सात शहरों में स्वीकृत कर्जों के विश्लेषण के आधार पर पता चलता है कि मुंबई, दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरु की पिछले छह वर्षों में स्वीकृत कुल कर्जों में 80 प्रतिशत हिस्सेदारी रही।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान 2018 में आईएलएंडएफएस की वजह से पैदा हुए एनबीएफसी संकट और 2020 में कोविड महामारी के दुष्प्रभाव जैसी चुनौतियों ने ऋण बाजार में मंदी पैदा की थी लेकिन 2021 के बाद से रियल एस्टेट बाजारों के पुनरुद्धार ने कर्जदाताओं और कर्जदारों दोनों के लिए नए अवसर पैदा किए हैं।