mahakumb

कम पैदावार से 2024-25 सत्र में कपास उत्पादन पर असर पड़ेगा: CAI

Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Feb, 2025 10:32 AM

low yield will impact cotton production in 2024 25 season cai

कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) ने शुक्रवार को कहा कि गुजरात और उत्तरी क्षेत्र में कम पैदावार के कारण चालू सत्र (2024-25) में कुल कपास उत्पादन घटकर 301.75 लाख गांठ रहने का अनुमान है। सीएआई के आंकड़ों के अनुसार, 2023-24 के पूर्ववर्ती सत्र के दौरान...

मुंबईः कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) ने शुक्रवार को कहा कि गुजरात और उत्तरी क्षेत्र में कम पैदावार के कारण चालू सत्र (2024-25) में कुल कपास उत्पादन घटकर 301.75 लाख गांठ रहने का अनुमान है। सीएआई के आंकड़ों के अनुसार, 2023-24 के पूर्ववर्ती सत्र के दौरान कपास का उत्पादन 327.45 लाख गांठ था। 

सीएआई के अध्यक्ष अतुल गनात्रा ने कहा, ‘‘कम पैदावार के कारण कुल उत्पादन पर असर पड़ने के आसार हैं। हमारे अनुमान गुजरात, पंजाब और हरियाणा में कपास की कम पैदावार की रिपोर्ट पर आधारित हैं। हालांकि, कपास की गुणवत्ता बहुत अच्छी रहेगी।'' इस बीच, जनवरी 2025 के अंत तक कुल कपास आपूर्ति 234.26 लाख गांठ रहने का अनुमान है। इसमें 188.07 लाख गांठ की ताजा पेराई, 16 लाख गांठ का आयात और सत्र की शुरुआत में 30.19 लाख गांठ का शुरुआती भंडार शामिल है। 

इसके अलावा, सीएआई ने जनवरी 2025 के अंत तक कपास की खपत 114.00 लाख गांठ और निर्यात 8.00 लाख गांठ होने का अनुमान लगाया है। भंडार जनवरी 2025 के अंत में 112.26 लाख गांठ होने का अनुमान है, जिसमें कपड़ा मिलों के पास 27 लाख गांठ और शेष 85.26 लाख गांठ सीसीआई, महाराष्ट्र फेडरेशन और अन्य (एमएनसी, व्यापारी, जिनर्स तथा निर्यातक, अन्य) के पास कपास शामिल है, जिसमें बेचा गया लेकिन वितरित नहीं किया गया कपास भी शामिल है। 

सीएआई ने पिछले महीने के अनुमान के अनुसार घरेलू खपत का अनुमान 315 लाख गांठ पर बरकरार रखा है। सीएआई ने कहा, 2024-25 सत्र के लिए निर्यात 17 लाख गांठ रहने का अनुमान है, जबकि 2023-24 सत्र के लिए निर्यात 28.36 लाख गांठ रहने का अनुमान है। 

Related Story

    Trending Topics

    Afghanistan

    134/10

    20.0

    India

    181/8

    20.0

    India win by 47 runs

    RR 6.70
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!