Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Sep, 2024 03:58 PM
गुजरात के गांधीनगर में एक उपभोक्ता अदालत ने लुफ्थांसा एयरलाइंस को यात्री को सही सूचना न देने और मुंबई हवाई अड्डे पर रोकने पर 8 प्रतिशत की ब्याज दर पर 1 लाख रुपए और टिकट का किराया 67,612 रुपए देने का निर्देश दिया। इसमें कहा गया है कि यह राशि फैसले की...
जालंधर: गुजरात के गांधीनगर में एक उपभोक्ता अदालत ने लुफ्थांसा एयरलाइंस को यात्री को सही सूचना न देने और मुंबई हवाई अड्डे पर रोकने पर 8 प्रतिशत की ब्याज दर पर 1 लाख रुपए और टिकट का किराया 67,612 रुपए देने का निर्देश दिया। इसमें कहा गया है कि यह राशि फैसले की प्रमाणित प्रति प्राप्त होने की तिथि से 30 दिनों के भीतर चुकाई जानी चाहिए है।
क्या है पूरा मामला
रिपोर्ट के मुताबिक शिकायतकर्ता 25 वर्षीय महर्षि यादव उच्च अध्ययन के लिए कनाडा जा रहे थे। उन्हें को 13 अप्रैल, 2022 को मुंबई हवाई अड्डे पर रोक दिया गया था, क्योंकि उनके पास शेंगेन वीजा नहीं था। बताश जा रहा है कि यह वीजा जर्मनी जैसे यूरोपीय देशों में रुकने के लिए अनिवार्य है। यादव ने लुफ्थांसा के खिलाफ गांधीनगर जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के समक्ष अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि एयरलाइन ने अनुचित व्यापार व्यवहार किया है, जबकि एयरलाइंस ने उन्हें रास्ते में रुकने के लिए किसी अन्य वीजा की किसी भी पूर्व शर्त की आवश्यकता के बारे में सूचित नहीं किया।
छात्र ने टिकट के मांगे थे 1,70,576 रुपए
यादव ने एक टिकट के लिए 67,612 रुपए और दूसरी एयरलाइन से खरीदे गए टिकट के लिए 1,70,576 रुपये मांगे थे। यादव ने हाल ही में कनाडा के टोरंटो में एक विश्वविद्यालय से आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में अपनी पढ़ाई पूरी की है, जबकि कनाडा की अपनी पहली यात्रा के दौरान उन्हें जिन समस्याओं का सामना करना पड़ा।
उनके वकील सुनील छाबरिया के हवाले से एक रिपार्ट में कहा गया है कि यादव ने कनाडा में स्थायी निवास का दर्जा प्राप्त कर लिया था। यादव ने 13 अप्रैल, 2022 की यात्रा के लिए 23 फरवरी, 2022 को मुंबई से टोरंटो के लिए फ्लाइट टिकट बुक किया था। वह मुंबई से म्यूनिख और वहां से फ्रैंकफर्ट और फिर टोरंटो के लिए उड़ान भरने वाले थे।
अदालत ने आदेश में क्या कहा
उपभोक्ता अदालत के आदेश में कहा गया है कि इस प्रकार जब शिकायतकर्ता मुंबई हवाई अड्डे पर अपनी उड़ान के लिए चेक-इन करने गया, तो उसे बोर्डिंग से रोक दिया गया क्योंकि उसके पास ट्रांजिट शेंगेन वीजा नहीं था। उन्होंने एयरलाइंस से मदद लेने की कोशिश की और एक अलग व्यवस्था की मांग की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। शिकायतकर्ता को अपनी टिकट की कीमत गंवानी पड़ी। शिकायतकर्ता ने दावा किया कि एयरलाइन ने इस तरह अनुचित व्यापार व्यवहार किया।
अंतिम समय में खरदना पड़ा दूसरा टिकट
यादव को इस घटनाक्रम के बाद 14 अप्रैल, 2022 को दुबई के रास्ते टोरंटो के लिए एमिरेट्स की फ्लाइट में आखिरी समय में एक और टिकट खरीदना पड़ा, जिसके लिए उन्हें 1,70,576 रुपए चुकाने पड़े।
इसके बाद शिकायतकर्ता ने अपनी मां पुष्पा यादव के माध्यम से 14 मार्च, 2023 को एयरलाइन द्वारा सेवा में कमी के आधार पर दोनों टिकटों के लिए रिफंड पाने के लिए गांधीनगर में जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (DCDRC) से संपर्क किया।
छात्र 1 लाख रुपए चसूलने का हकदार
आयोग के आदेश में कहा है कि एयरलाइन ने तर्क दिया कि यह एयरलाइन की गलती नहीं थी कि शिकायतकर्ता के पास शेंगेन वीजा नहीं था, जो घरेलू यात्री के रूप में जर्मनी से यात्रा करने के लिए आवश्यक था, टिकट गैर-वापसी योग्य था और शिकायतकर्ता ने खुद टिकट रद्द कर दिया था। आयोग के आदेश में कहा गया है कि शिकायतकर्ता मानसिक पीड़ा के मद में 30 दिनों के भीतर प्रतिपक्षी से 1,00,000 रुपए की राशि वसूलने का हकदार है।