माधवी पुरी बुच को किराया देने का मामलाः Wockhardt ने आरोपों को बताया निराधार और भ्रामक

Edited By jyoti choudhary,Updated: 07 Sep, 2024 04:06 PM

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दवा कंपनी वॉकहार्ट (Wockhardt) ने कैरोल इंफो सर्विसेज (Carol Info Services) द्वारा किराए के भुगतान और कंपनी के संबंध में सेबी द्वारा पारित कुछ आदेशों के साथ इसके संबंध के आरोपों से इंकार किया है। वॉकहार्ट ने शुक्रवार देर रात एक नियामक फाइलिंग में...

बिजनेस डेस्कः दवा कंपनी वॉकहार्ट (Wockhardt) ने कैरोल इंफो सर्विसेज (Carol Info Services) द्वारा किराए के भुगतान और कंपनी के संबंध में सेबी द्वारा पारित कुछ आदेशों के साथ इसके संबंध के आरोपों से इंकार किया है। वॉकहार्ट ने शुक्रवार देर रात एक नियामक फाइलिंग में कहा, “इस संबंध में हम स्पष्ट रूप से इन आरोपों से इंकार करते हैं और कहते हैं कि ये आरोप पूरी तरह से निराधार और भ्रामक हैं।” एक्सचेंज फाइलिंग में कंपनी ने आगे कहा कि उसने सभी लागू कानूनों का पालन किया है और भविष्य में भी करती रहेगी।

कांग्रेस ने बुच पर लगाए थे नए आरोप

बता दें कि शुक्रवार को कांग्रेस ने सेबी (SEBI) की अध्यक्ष माधवी पुरी बुच (madhabi puri buch) पर नए आरोप लगाए और कहा कि उनकी किराए की आय हितों का टकराव थी। विपक्षी पार्टी ने आरोप लगाया कि बुच को दवा कंपनी वॉकहार्ट से जुड़ी उस सहायक इकाई से किराए की आय प्राप्त हुई, जिसकी सेबी द्वारा भेदिया कारोबार समेत कई मामलों में जांच की जा रही थी।

बुच को पिछले 6 वित्त वर्षों (वित्त वर्ष 2019 से वित्त वर्ष 2024 के बीच) में कैरोल इन्फो सर्विसेज से 2.16 करोड़ रुपए की कुल किराया आय प्राप्त हुई। बुच अप्रैल 2017 से अक्तूर 2021 तक सेबी की पूर्णकालिक सदस्य थीं और मार्च 2022 में उन्होंने सेबी प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली।

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