Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Nov, 2024 05:08 PM
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए किया जाने वाला निवेश अक्टूबर 2024 में नए ऑलटाइम हाई पर जा पहुंचा है। अक्टूबर में एसआईपी निवेश का आंकड़ा 25000 करोड़ रुपए के आंकड़े को पार करते हुए 25323 करोड़ रुपए रहा है जो...
बिजनेस डेस्कः म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए किया जाने वाला निवेश अक्टूबर 2024 में नए ऑलटाइम हाई पर जा पहुंचा है। अक्टूबर में एसआईपी निवेश का आंकड़ा 25000 करोड़ रुपए के आंकड़े को पार करते हुए 25323 करोड़ रुपए रहा है जो कि सितंबर 2024 में 24,509 करोड़ रुपए रहा था, जबकि एक साल पहले अक्टूबर 2023 में म्यूचुअल फंड्स में एसआईपी निवेश 16,928 करोड़ रुपए रहा था।
म्यूचुअल फंड्स चलाने वाली एसेट मैनेजमेंट कंपनियों की संस्था एम्फी (Association of Mutual Funds in India) ने अक्टूबर 2024 के लिए म्यूचुअल फंड में आए निवेश का डेटा जारी किया है। इस डेटा के मुताबिक अक्टूबर महीने में इक्विटी म्यूचुअल फंड में इंफ्लो 21.69 फीसदी के उछाल के साथ 41,887 करोड़ रुपए रहा है। ये लगातार 44वां महीना है जब इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश पॉजिटिव जोन में रहा है। लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल-कैप तीनों ही सेगमेंट के फंड्स में जोरदार निवेश आया है।
एम्फी के मुताबिक लार्ज-कैप फंड्स में 3452 करोड़ रुपए, मिड-कैप फंड्स में 4883 करोड़ रुपए, स्मॉल-कैप फंड्स में 3772 करोड़ रुपए का इंफ्लो आया है। अक्टूबर में हाईब्रिड फंड में सबसे ज्यादा 16863.3 करोड़ रुपए का निवेश आया है जो कि इसके पहले महीने में 4901 करोड़ रुपए रहा था। सेक्टरोल और थीमैटिक फंड्स में निवेश मामूली घटा है और सितंबर के 13255 करोड़ रुपए के मुकाबले अक्टूबर में 12,278 करोड़ रुपए का इंवेस्टमेंट आया है। सभी म्यूचुअल फंड का एसेट अंडर मैनेजमेंट अक्टूबर 2024 में 67.25 लाख करोड़ रुपए रहा है जो कि सितंबर 2024 में 67.09 करोड़ रुपए रहा था।
इक्विटी म्यूचुअल फंड को लेकर आए एम्फी के डेटा पर मोतीलाल ओसवाल एएमसी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और चीफ बिजनेस ऑफिसर अखिल चतुर्वेदी ने कहा, इक्विटी इंफ्लो 40000 करोड़ रुपए के आंकड़े के करीब स्थिन बना हुआ है। उन्होंने कहा, अमेरिकी चुनावों और दूसरे प्रमुख ग्लोबल इंवेट्स के चलते विदेशी निवेशकों की बिकवाली से बाजार में उठापटक देखी जा रही है। इसके बावजूद नेट इंफ्लो में उछाल घरेलू निवेशकों में भरोसे को साबित करता है जो इस उठापटक के बावजूद इक्विटी में निवेश लगातार किए जा रहे हैं।