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महाकुंभ 2025 के कारण भारत में आध्यात्मिक पर्यटन वीजा आवेदनों में 21.4% की बढ़ोतरी हुई

Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Jan, 2025 01:36 PM

maha kumbh 2025 leads to 21 4 rise in spiritual tourism visa

भारत में आध्यात्मिक उद्देश्यों के लिए आने वाले पर्यटकों की संख्या में 21.4% की बढ़ोतरी हुई है। प्रमुख वीजा प्रोसेसिंग प्लेटफॉर्म एटलीस द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण महाकुंभ और अन्य बड़े धार्मिक...

नई दिल्लीः भारत में आध्यात्मिक उद्देश्यों के लिए आने वाले पर्यटकों की संख्या में 21.4% की बढ़ोतरी हुई है। प्रमुख वीजा प्रोसेसिंग प्लेटफॉर्म एटलीस द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण महाकुंभ और अन्य बड़े धार्मिक आयोजनों का प्रभाव है, जो हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, आध्यात्मिक यात्रा वीजा आवेदन का लगभग 48% हिस्सा महाकुंभ जैसे बड़े धार्मिक आयोजनों और तीर्थयात्राओं से जुड़ा हुआ है। वर्तमान में चल रहा महाकुंभ, जो विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में एक है, में अनुमानित 4.2 करोड़ श्रद्धालु शामिल होंगे। यह आयोजन हर 144 साल में एक बार होता है और भारत की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत से जुड़ने का अनोखा अवसर प्रदान करता है।

अमेरिका और ब्रिटेन से बढ़ी पर्यटकों की संख्या

अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों से आध्यात्मिक पर्यटकों की संख्या में भी कई गुना वृद्धि देखी गई है। ये पर्यटक भारत में प्रामाणिक और जीवन को बदलने वाले अनुभवों की तलाश में आते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, आध्यात्मिक यात्रियों में महिलाएं प्रमुख भूमिका निभा रही हैं, खासकर मिलेनियल्स में, जहां 66% महिलाएं हैं। युवा पीढ़ी अब पारंपरिक पर्यटन से हटकर आध्यात्मिक और अर्थपूर्ण यात्राओं को प्राथमिकता दे रही है, जो यात्रा के स्वरूप में बदलाव का संकेत है।

समूह आध्यात्मिक यात्रा की बढ़ती रुचि

समूहों में आध्यात्मिक यात्रा करने की रुचि भी बढ़ी है। समूह यात्रा के लिए वीजा आवेदनों में 35% की वृद्धि देखी गई है। इन यात्राओं में पर्यटक समान विचारधारा वाले लोगों के साथ धार्मिक स्थलों पर परंपराओं और रीति-रिवाजों में भाग लेते हैं, जिससे एक सामुदायिक अनुभव का लाभ मिलता है।

भारत में आध्यात्मिक पर्यटन का विकास

पिछले कुछ वर्षों में भारत में आध्यात्मिक पर्यटन में निरंतर वृद्धि हो रही है। वाराणसी, ऋषिकेश जैसे प्रमुख स्थान विदेशी पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय हो गए हैं। गंगा के किनारे ध्यान, शाम की आरती, और ऐतिहासिक घाटों पर समय बिताने के अनुभव ने इन स्थानों को आकर्षण का केंद्र बना दिया है।

इस बढ़ती मांग को देखते हुए, प्रमुख तीर्थ स्थलों के आसपास के बुनियादी ढांचे और आवास सुविधाओं में सुधार किया गया है। इन विकास कार्यों से पर्यटकों को अधिक आरामदायक और सुलभ यात्रा का अनुभव मिल रहा है।

भारत की आध्यात्मिक विरासत का वैश्विक महत्व

महाकुंभ जैसे आयोजनों और भारत की आध्यात्मिक विरासत में बढ़ती वैश्विक रुचि ने भारत को आध्यात्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बना दिया है। बेहतर बुनियादी ढांचा और बदलते यात्रा रुझानों के कारण भारत आने वाले वर्षों में आध्यात्मिक यात्रा का केंद्र बने रहने की संभावना है।

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