Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Sep, 2024 05:47 PM
महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड ने मंगलवार को कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के पति धवल बुच को किए गए भुगतान में कोई 'हितों का टकराव' नहीं है। कंपनी ने कांग्रेस के आरोपों को 'झूठा और भ्रमित करने...
बिजनेस डेस्कः महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड ने मंगलवार को कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के पति धवल बुच को किए गए भुगतान में कोई 'हितों का टकराव' नहीं है। कंपनी ने कांग्रेस के आरोपों को 'झूठा और भ्रमित करने वाला' बताया और स्पष्ट किया कि धवल बुच को यह मुआवजा उनके आपूर्ति श्रृंखला विशेषज्ञता और प्रबंधन कौशल के लिए दिया गया था, जो यूनिलीवर में उनके वैश्विक अनुभव पर आधारित था। महिंद्रा ने कहा कि धवल बुच 2019 में समूह से जुड़े, जो माधबी पुरी बुच के सेबी प्रमुख बनने से करीब तीन साल पहले था।
कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि माधबी पुरी बुच की 99 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली कंपनी ‘अगोरा एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड’ महिंद्रा एंड महिंद्रा को सेवाएं दे रही थी। इसके साथ ही कांग्रेस ने दावा किया कि 2019-21 के बीच धवल बुच को महिंद्रा एंड महिंद्रा से 4.78 करोड़ रुपए मिले।
महिंद्रा ने कहा कि सेबी से संबंधित पांच आदेशों में से केवल एक ही महिंद्रा एंड महिंद्रा से जुड़ा था और वह भी मार्च 2018 में जारी हुआ था, जब धवल बुच ने महिंद्रा समूह के साथ काम शुरू नहीं किया था। कांग्रेस ने सवाल उठाया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इन तथ्यों की जानकारी थी जब माधबी पुरी बुच को सेबी का प्रमुख नियुक्त किया गया।