Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Jan, 2025 04:52 PM
भारतीय शेयर बाजार में गिरावट थमती नहीं दिख रही है। गुरुवार 9 जनवरी को लगातार दूसरे दिन घरेलू बाजार गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। सेंसेक्स दिन के कारोबार में 528 अंक गिरकर 77,619.80 पर आ गया। वहीं निफ्टी 160 अंक टूटकर 23,528 के स्तर पर आ गया।...
बिजनेस डेस्कः भारतीय शेयर बाजार में गिरावट थमती नहीं दिख रही है। गुरुवार 9 जनवरी को लगातार दूसरे दिन घरेलू बाजार गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। सेंसेक्स दिन के कारोबार में 528 अंक गिरकर 77,619.80 पर आ गया। वहीं निफ्टी 160 अंक टूटकर 23,528 के स्तर पर आ गया। सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में टाटा मोटर्स, लार्सन एंड टूब्रो, जोमैटो, भारतीय स्टेट बैंक, सन फार्मा, पावर ग्रिड, बजाज फाइनेंस और एनटीपीसी के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट देखने को मिली। मिडकैप और स्मॉलकैप भी लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।
निवेशकों के ₹4.10 लाख करोड़ डूबे
बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन आज 9 जनवरी को घटकर 435.49 लाख करोड़ रुपए पर आ गया, जो इसके पिछले कारोबारी दिन यानी बुधवार 8 जनवरी को 439.59 लाख करोड़ रुपए था। इस तरह BSE में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप आज करीब 4.10 लाख करोड़ रुपए घटा है या दूसरे शब्दों में कहें तो निवेशकों की संपत्ति में करीब 3.85 लाख रुपए की गिरावट आई है।
गिरावट के 5 प्रमुख कारण
तिमाही नतीजों से पहले घबराहट
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के नतीजों के ऐलान के साथ ही आज से आधिकारिक तौर पर अर्निंग सीजन की शुरुआत हो जाएगी। पिछली तिमाही में भारतीय कंपनियों के कमजोर प्रदर्शन के चलते निवेशकों को निराशा हुई थी। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा, 'आज से तीसरी तिमाही के नतीजों का सीजन शुरू होने के साथ ही बाजार कॉरपोरेट के प्रदर्शन के हिसाब से प्रतिक्रिया देगा। TCS के नतीजे आईटी सेक्टर की फ्यूचर ग्रोथ को लेकर संकेत देंगे। वह भी ऐसे समय में डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में गिरावट और अमेरिकी इकोनॉमी में मजबूती के चलते आईटी सेक्टर के लिए परिस्थितियां अच्छी बनती दिख रही हैं।'
रुपए में रिकॉर्ड गिरावट
भारतीय रुपए में लगातार गिरावट जारी है। गुरुवार को शुरुआती कारोबार में रुपया 1 पैसे गिरकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 85.92 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। यह लगातार तीसरे दिन रुपए में गिरावट है। रुपए में गिरावट के अलावा क्रूड ऑयल के दाम में उछाल ने भी बाजार में अतिरिक्त दबाव डाला है। लगातार विदेशी फंड की निकासी और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में उछाल ने डॉलर की मजबूती को बढ़ाने में योगदान दिया है।
अमेरिकी ट्रेड पॉलिसी को लेकर चिंता
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अपना पदभार संभालेंगे। उनकी ट्रेड और टैरिफ नीतियों को लेकर अनिश्चिचता बनी हुई है, जिसके चलते दुनिया भर के निवेशक सतर्क बने हुए हैं। साथ ही आगामी बजट 2025 के चलते भी निवेशक थोड़ा सावधानी बरत रहे हैं। विजयकुमार ने कहा, 'ट्रंप की व्यापार नीतियों और बजट से उम्मीदें आने वाले हफ्तों में बाजार में अस्थिरता को बढ़ाएंगी।'
अमेरिकी फेड रेट कट की उम्मीदें हो रहीं खत्म
अमेरिका ट्रेड और इमिग्रेशन नीतियों को लेकर चिंताओं ने बाजार की बेचैनी बढ़ा दी है। एक रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति ट्रंप कथित तौर पर ग्लोबल आयात पर 10 प्रतिशत और चीनी वस्तुओं पर लगभग 60 प्रतिशत ड्यूटी लगा सकते हैं। साथ ही वे इन ड्यूटी को सही ठहराने के लिए नेशनल इकोनॉमिक इमरजेंसी का ऐलान कर सकते हैं।
इनके अलावा ट्रंप कुछ अप्रवासी समूहों को निर्वासित करने की भी योजना बना रहे हैं। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अधिकारियों का मानना है कि इसके चलते अमेरिका में महंगाई से जुड़ी चिताएं फिर से वापस आ सकती हैं। इसके चलते फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में आक्रामक कटौती की उम्मीदें कम हो गई हैं। बाजार अब 2025 में केवल एक बार 0.25 फीसदी की कटौती का ही अनुमान लगा रहा है। दूसरी कटौती की संभावना काफी कमजोर हो गई हैं।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की ओर से लगातार बिकवाली
इस बीच विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से लगातार पैसे निकालना जारी रखा है। FIIs ने बुधवार को 3,362.18 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। अकेले जनवरी में, FII अब तक 10,419 करोड़ रुपए के शेयर बेच चुके हैं।