Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Sep, 2024 06:18 PM
फ्रेंचाइजी वेस्टलाइफ फूडवर्ल्ड के जरिये पश्चिम और दक्षिण भारत में क्विक सर्विस रेस्टोरेंट चेन चलाने वाली मैकडॉनल्ड्स इंडिया कई तरह के मोटे अनाज से बनाए गए ‘बन’ वाला बर्गर पेश करेगी। इस बन को प्रमुख खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान...
बिजनेस डेस्कः फ्रेंचाइजी वेस्टलाइफ फूडवर्ल्ड के जरिये पश्चिम और दक्षिण भारत में क्विक सर्विस रेस्टोरेंट चेन चलाने वाली मैकडॉनल्ड्स इंडिया कई तरह के मोटे अनाज से बनाए गए ‘बन’ वाला बर्गर पेश करेगी। इस बन को प्रमुख खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान सीएसआईआर-सीएफटीआरआई के साथ मिलकर बनाया गया है। इसमें पांच मोटे अनाज- बाजरा, रागी, ज्वार, चेना (प्रोसो) और कोदो का इस्तेमाल किया जा रहा है। कंपनी ने इस खास तरह के बन के लिए सीएसआईआर- केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान (सीएफटीआरआई) के साथ पार्टनरशिप की है। इसके लिए 5,000 किसानों से मोटे अनाज की सीधी खरीद की जाएगी।
यह क्यूएसआर (क्विक सर्विस रेस्टोरेंट) क्षेत्र में अपनी तरह की पहली साझेदारी है। इसमें पौष्टिक खाद्य विकल्पों को विकसित करने की दिशा में मैकडॉनल्ड्स के प्रयासों के साथ सीएसआईआर-सीएफटीआरआई की विशेषज्ञता को जोड़ा गया है।
मैकडॉनल्ड्स इंडिया के कार्यकारी निदेशक अक्षय जटिया ने कहा, ‘इसका उद्देश्य हमारे भोजन की पोषण गुणवत्ता में सुधार करना है, ताकि लंबे समय में ग्राहक इससे लाभान्वित हो सकें।’
5,000 किसानों से सीधे बाजरा खरीद रही कंपनी
जटिया ने कहा कि कंपनी भारत में 5,000 किसानों से सीधे बाजरा खरीद रही है। यह फार्म-टू-फोर्क मॉडल पर आधारित होगा। हालांकि, इस खास बर्गर के लिए ग्राहकों को सामान्य बर्गर की तुलना में 10 रुपये अधिक चुकाने होंगे। यह नई पेशकश मैकडॉनल्ड्स के सभी 400 बिक्री केंद्रों पर उपलब्ध होगी।
सीएसआईआर-सीएफटीआरआई की निदेशक श्रीदेवी अन्नपूर्णा सिंह ने कहा, ‘यह संयुक्त प्रयास ऐसे मेन्यू उत्पाद विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है जो अतिरिक्त पोषण मूल्य प्रदान करते हैं और स्वाद का भी ध्यान रखते हैं।’
मोटे अनाज पर मोदी सरकार का फोकस
मोटे अनाज या मिलेट्स भारत की कृषि और खाद्य संस्कृति का अहम हिस्सा रहे हैं। हाल के वर्षों में इनके महत्व को फिर से पहचाना गया है। मोदी सरकार ने मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। सरकार ने संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया। वह किसानों से मोटे अनाज की खरीद पर जोर दे रही है। उन्हें इसके उत्पादन के लिए प्रोत्साहित कर रही है। लोगों को मोटे अनाज के पोषण मूल्य और स्वास्थ्य लाभों के बारे में जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं।