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Meta ने भारत के एंटीट्रस्ट आदेश को चुनौती दी, कहा- व्यवसाय पर पड़ेगा गहरा असर

Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Jan, 2025 04:08 PM

meta s problems increased due to data sharing ban in india

मेटा को भारत में एंटीट्रस्ट निर्देश के कारण अपनी कुछ सुविधाओं को 'रोल बैक' या रोकने की नौबत आ सकती है। इस निर्देश के तहत मेटा की व्हाट्सएप मैसेजिंग सेवा को उपयोगकर्ता डेटा को मेटा के साथ विज्ञापन उद्देश्यों के लिए साझा करने से रोक दिया गया है। यह...

बिजनेस डेस्कः मेटा को भारत में एंटीट्रस्ट निर्देश के कारण अपनी कुछ सुविधाओं को 'रोल बैक' या रोकने की नौबत आ सकती है। इस निर्देश के तहत मेटा की व्हाट्सएप मैसेजिंग सेवा को उपयोगकर्ता डेटा को मेटा के साथ विज्ञापन उद्देश्यों के लिए साझा करने से रोक दिया गया है। यह जानकारी मेटा के अदालत में दायर किए गए दस्तावेज में सामने आई है।

मेटा ने भारत की प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के नवंबर 2024 के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें कहा गया था कि कंपनी ने अपने प्रभुत्व का दुरुपयोग किया और 2021 की प्राइवेसी पॉलिसी के माध्यम से व्हाट्सएप उपयोगकर्ताओं को अधिक डेटा संग्रह और साझाकरण के लिए मजबूर किया। इस आदेश के तहत CCI ने मेटा पर $24.5 मिलियन का जुर्माना और डेटा साझाकरण पर पांच साल का प्रतिबंध लगाया।

व्हाट्सएप के डेटा शेयरिंग बैन का असर

मेटा का कहना है कि इस प्रतिबंध से फेसबुक और इंस्टाग्राम पर उपयोगकर्ताओं को व्यक्तिगत विज्ञापन दिखाने की उनकी क्षमता सीमित हो जाएगी। मेटा के मुताबिक, डेटा साझाकरण के बिना भारतीय उपयोगकर्ता के लिए व्यक्तिगत विज्ञापन उपलब्ध कराना मुश्किल होगा। मेटा ने यह भी कहा कि यह प्रतिबंध उसके व्यवसाय के लिए आर्थिक रूप से हानिकारक हो सकता है। भारत, जहां फेसबुक के 350 मिलियन उपयोगकर्ता और व्हाट्सएप के 500 मिलियन उपयोगकर्ता हैं, मेटा का सबसे बड़ा बाजार है।

व्हाट्सएप के लिए CCI का निर्देश

CCI ने व्हाट्सएप को यह आदेश दिया है कि वह उपयोगकर्ताओं को यह विकल्प दे कि वे अपना डेटा मेटा के साथ साझा करना चाहते हैं या नहीं। व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी के कारण उपयोगकर्ताओं के पास सेवा खोने का जोखिम था यदि वे डेटा साझा करने की शर्तों को स्वीकार नहीं करते।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चुनौतियां

मेटा को भारतीय एंटीट्रस्ट मामले के अलावा वैश्विक स्तर पर भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। 2021 में यूरोपीय संघ ने भी व्हाट्सएप पर प्राइवेसी पॉलिसी को स्पष्ट रूप से उपयोगकर्ताओं को समझाने में असफल रहने का आरोप लगाया था।

न्यायिक लड़ाई जारी

मेटा ने भारतीय ट्रिब्यूनल में CCI के आदेश को चुनौती देते हुए यह भी कहा है कि आयोग के पास इस तरह के तकनीकी निर्णय लेने की पर्याप्त विशेषज्ञता नहीं है। मेटा ने यह भी तर्क दिया कि CCI को यह निर्णय लेने से पहले मेटा और व्हाट्सएप से सलाह लेनी चाहिए थी।

मामले की सुनवाई इस सप्ताह गुरुवार को भारतीय अपीलीय न्यायाधिकरण में शुरू होगी लेकिन यह प्रक्रिया महीनों तक चल सकती है।
 

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