कैबिनेट का फैसला: टेक्सटाइल सेक्टर के लिए PLI को मंजूरी, टेलीकॉम सेक्टर को नहीं मिली राहत

Edited By jyoti choudhary,Updated: 08 Sep, 2021 02:38 PM

cabinet meeting over textile pli approved telecom sector did not get relief

कैबिनेट की बैठक खत्म हो गई है। अब 2 बजे कैबिनेट की प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी जिसमें कैबिनेट के फैसलों पर जानकारी दी जाएगी। इस कॉन्फ्रेंस में पीयूष गोयल और अनुराग ठाकुर शामिल होंगे। आज की कैबिनेट मीट में टेक्सटाइल सेक्टर के लिए PLI को मंजूरी मिल गई

बिजनेस डेस्कः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैबिनेट में लिए गए फैसलों की जानकारी दी।
 
केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए PLI स्कीम को मंजूरी दी। इसके तहत टेक्सटाइल के प्रॉडक्शन और एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए सरकार अगले पांच साल में 10,683 करोड़ रुपए का खर्च करेगी। PLI स्कीम के तहत मैन मेड फाइबर और टेक्निकल टेक्सटाइल पर फोकस। इससे साढ़े 7 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। पैकेज में टीयर 2-3 के इलाकों वाली कंपनियों को ज्यादा प्राथमिकता दी जाएगी। 

भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के मकसद से अब तक 13 सेक्टर के लिए PLI स्कीम की घोषणा की जा चुकी है।

कपड़ा उद्योग में MMF का 20% योगदान
भारत के कपड़ा उद्योग की बात करें तो वर्तमान में कॉटन का योगदान 80 फीसदी और मैन मेड फाइबर (MMF) का योगदान महज 20 फीसदी है। दुनिया के अन्य देश इस मामले में हमसे काफी आगे हैं। ऐसे में इस सेगमेंट और सेक्टर को प्रमोट करने की जरूरत है। इसके लिए PLI स्कीम एक मजबूत कदम होगा।

क्या है PLI स्कीम?
इस योजना के अनुसार, केंद्र अतिरिक्त उत्पादन पर प्रोत्साहन देगा और कंपनियों को भारत में बने उत्पादों को निर्यात करने की अनुमति देगा। PLI स्कीम का लक्ष्य प्रतिस्पर्धात्मक माहौल बनाने के लिए निवेशकों को प्रोत्साहित करना है। 

टेलीकॉम सेक्टर को नहीं मिली राहत 
आज की कैबिनेट मीट में टेलीकॉम के लिए राहत पैकेज को मंजूरी नहीं मिली है। किसी तकनीकी दिक्कत के कारण इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए नहीं रखा जा सका। टेलीकॉम सेक्टर को लेकर बाजार को काफी उम्मीदें थीं। माना जा रहा था कि आज की कैबिनेट मीट में AGR की नई परिभाषा को मंजूरी संभव है। ऐसा माना जा रहा था कि कंपनियों को सिर्फ टेलीकॉम सेवाओं पर AGR देने का प्रावधान किया जा सकता है। इसके साथ ही कंपनीयों की लाइसेंस फीस में कटौती की भी उम्मीद थी।

इन सारी उम्मीदों पर पानी फिरने के साथ ही पिछले कुछ दिनों से जोश में चल रहे टेलीकॉम सेक्टर से जुड़े शेयरों में कमजोरी हावी हो गई है। आइडिया, भारती एयरटेल और इंडस टॉवर जैसे शेयरों में इस खबर के साथ ही सुस्ती आती दिखी है।

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