Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Mar, 2025 10:20 AM

सरकार ने बाजार की बदलती परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम (Gold Monetization Scheme) के मध्यम अवधि (5-7 वर्ष) और दीर्घकालिक (12-15 वर्ष) सरकारी जमा वाले घटकों को 26 मार्च, 2025 से बंद करने का निर्णय लिया है। वित्त मंत्रालय...
बिजनेस डेस्कः सरकार ने बाजार की बदलती परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम (Gold Monetization Scheme) के मध्यम अवधि (5-7 वर्ष) और दीर्घकालिक (12-15 वर्ष) सरकारी जमा वाले घटकों को 26 मार्च, 2025 से बंद करने का निर्णय लिया है। वित्त मंत्रालय के अनुसार बैंक अपनी 1 से 3 वर्ष की अल्पकालिक स्वर्ण जमा योजनाओं को जारी रख सकते हैं। सरकार ने नवंबर 2024 तक इस योजना के तहत लगभग 31,164 किलोग्राम सोना जुटाया था। यह योजना 15 सितंबर, 2015 को शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य देश में निष्क्रिय पड़े सोने को उत्पादक कार्यों में लगाना और सोने के आयात पर निर्भरता कम करना था।
इसके अलावा सरकार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) योजना को भी बंद करने पर विचार कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार इस योजना के तहत निवेशकों को मिलने वाले 2.5% वार्षिक ब्याज और परिपक्वता पर सोने के समकक्ष भुगतान के कारण बढ़ते वित्तीय बोझ को कम करने के लिए यह कदम उठा सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में इस योजना के लिए नए आवंटन की संभावना कम जताई है।
कितना सोना जमा है
हालांकि, जीएमएस के तहत बैंकों द्वारा पेश की जाने वाली अल्पकालिक बैंक जमा (एसटीबीडी) की सुविधा बैंकों के अपने विवेक पर जारी रहेगी। बैंक वाणिज्यिक व्यवहार्यता का आकलन कर एसटीबीडी को जारी रखने का फैसला कर सकते हैं। इस संबंध में रिजर्व बैंक के विस्तृत दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि जीएमएस के मध्यम-अवधि वाले घटक के तहत कोई भी सोना जमा 26 मार्च, 2025 से स्वीकार नहीं किया जाएगा। लेकिन इस घटक के तहत मौजूदा जमा जीएमएस के मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुरूप अवधि पूरी होने तक जारी रहेगा।
नवंबर, 2024 तक जमा कुल 31,164 किलोग्राम सोने में से अल्पकालिक स्वर्ण जमा 7,509 किलोग्राम, मध्यम अवधि स्वर्ण जमा (9,728 किलोग्राम) और दीर्घकालिक स्वर्ण जमा (13,926 किलोग्राम) था। जीएमएस में लगभग 5,693 जमाकर्ताओं ने भाग लिया। सोने की कीमतें एक जनवरी, 2024 को 63,920 रुपए प्रति 10 ग्राम से 26,530 रुपए यानी 41.5 प्रतिशत बढ़कर 90,450 रुपए प्रति 10 ग्राम (25 मार्च 2025 तक) हो गई हैं।