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मोदी सरकार ने बैंकिंग क्षेत्र का कायापलट कर 10 लाख करोड़ रुपए से अधिक डूबा कर्ज वसूला:वित्त मंत्री

Edited By jyoti choudhary,Updated: 31 May, 2024 04:15 PM

modi government transformed the banking sector and recovered more

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत सरकार ने विभिन्न सुधारों और बेहतर प्रशासन के जरिए बैंकिंग क्षेत्र का कायापलट किया है। इसके दम पर बैंकों ने 2014 से 2023 के बीच 10 लाख करोड़ रुपए से अधिक डूबे कर्ज की...

नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत सरकार ने विभिन्न सुधारों और बेहतर प्रशासन के जरिए बैंकिंग क्षेत्र का कायापलट किया है। इसके दम पर बैंकों ने 2014 से 2023 के बीच 10 लाख करोड़ रुपए से अधिक डूबे कर्ज की वसूली की है। उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने करीब 1,105 बैंक धोखाधड़ी मामलों की जांच की है, जिसके परिणामस्वरूप 64,920 करोड़ रुपए की अपराध आय जब्त की गई है। दिसंबर 2023 तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) को 15,183 करोड़ रुपए की संपत्ति वापस कर दी गई है। 

सीतारमण ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘हाल ही में, भारत के बैंकिंग क्षेत्र ने तीन लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार करते हुए अपना अब तक का सबसे अधिक शुद्ध लाभ दर्ज करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मजबूत और निर्णायक नेतृत्व के दम पर बैंकिंग क्षेत्र का कायापलट हुआ। हमारी सरकार ने व्यापक तथा दीर्घकालिक सुधारों के जरिए बैंकिंग क्षेत्र में संप्रग के पापों का प्रायश्चित किया।'' उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने डूब कर्ज (खासकर बड़े डिफॉल्टर से) की वसूली में कोई ढील नहीं बरती और यह प्रक्रिया जारी है। 

मंत्री ने कहा, ‘‘यह दुख की बात है कि विपक्षी नेता अब भी ‘राइट-ऑफ' और माफी के बीच अंतर नहीं कर पा रहे हैं। आरबीआई के दिशा-निर्देशों के अनुसार ‘राइट-ऑफ' के बाद बैंक सक्रिय रूप से डूबे कर्ज की वसूली करते हैं। किसी भी उद्योगपति के ऋण को ‘‘माफ'' नहीं किया गया है। 2014 से 2023 के बीच बैंकों ने खराब ऋणों से 10 लाख करोड़ रुपए से अधिक की वसूली की है।'' 

इस क्षेत्र के कुप्रबंधन के लिए कांग्रेस नीत संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां) संकट के ‘‘बीज'' कांग्रेस नीत संप्रग काल में ‘‘फोन बैंकिंग'' के जरिए बोए गए थे, जब संप्रग नेताओं तथा पार्टी पदाधिकारियों के दबाव में अयोग्य व्यवसायों को ऋण दिए गए।'' मंत्री ने कहा, ‘‘मोदी सरकार हमारी बैंकिंग प्रणाली को मजबूत और स्थिर करने के लिए निर्णायक कदम उठाना जारी रखेगी तथा यह सुनिश्चित करेगी कि बैंक 2047 तक विकसित भारत के वृद्धि पथ पर भारत का समर्थन करें।'' 
 

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