Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Dec, 2018 09:33 PM
सरकारी सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा आगामी लोकसभा चुनावों से पूर्व लाखों किसानों को लुभाने के मकसद से बिलियन डॉलर से उनके कर्ज माफ करने की घोषणा कर सकती है।
नई दिल्लीः सरकारी सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा आगामी लोकसभा चुनावों से पूर्व लाखों किसानों को लुभाने के मकसद से बिलियन डॉलर से उनके कर्ज माफ करने की घोषणा कर सकती है। भाजपा ने देश के तीन बड़े राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में अपनी सत्ता कांग्रेस के हाथों खो दी है। भाजपा ने इन राज्यों में किसानों को महत्व नहीं दिया जबकि कांग्रेस ने किसानों की मांगों को स्वीकार करने की बार-बार घोषणाएं की है।
सरकारी सूत्रों ने कहा कि देशभर के 26 करोड़ 30 लाख किसानों और उनके लाखों आश्रितों का समर्थन प्राप्त करने के लिए मोदी प्रशासन शीघ्र ही किसानों के ऋण माफ करने के लिए वांशित धनराशि का विवरण तैयार करने का काम शुरू कर देगी। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि मई 2019 में होने वाले आम चुनावों के मद्देनजर मोदी और भाजपा शीघ्र ही किसानों की मदद के लिए आसान और लोकप्रिय कदमों की घोषणा कर सकते हैं जैसे चावल और गेहूं के मूल्यों में वृद्धि करना शामिल है।
एक कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी ने कहा कि चुनाव निकट हैं और आप जानते हैं कि इन किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए कोई योजना नहीं बनाई गई। इसलिए कृषि के कर्ज माफ करने के वादे किए जाने लगे हैं। सरकारी सूत्रों और विश्लेषकों का कहना है कि 56.5 बिलियन डॉलर के कर्ज माफ करने की घोषणा हो सकती है।
यूपी में हिट हुआ था किसान कर्जमाफी का फॉर्मूला
दरअसल 2014 लोकसभा चुनाव के बाद से किसान कर्जमाफी राजनीति में चुनाव जीतने का सबसे अहम जरिया बन चुका है। देश के ग्रामीण इलाकों में लहर के साथ सत्ता पर बैठने वाली बीजेपी सरकार ने कर्जमाफी का पहला टेस्ट उत्तर प्रदेश चुनावों के दौरान किया। उत्तर प्रदेश चुनाव के प्रचार में जब कांग्रेस ने राहुल के नेतृत्व में किसान यात्रा शुरू की तब चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाजी पलटने के लिए किसान कर्जमाफी का ऐलान कर दिया। इसका असर चुनाव नतीजों पर दिखा और यूपी में पूर्ण बहुमत वाली बीजेपी सरकार बन गई।