Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Jun, 2024 01:24 PM
![monthly corporate bankruptcies in canada at lowest level since](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_6image_13_07_248502180bank-ll.jpg)
कनाडा की अर्थव्यवस्था मंदी के स्तर पर पहुंच रही है। इस पतन की गति को देखना आश्चर्यजनक है। कनाडा में वैश्विक वित्तीय संकट के बाद मासिक कॉर्पोरेट दिवालियापन निचले स्तर पर पहुंच रहा है। यह बात एक्स पर ट्विट करते हुए Barchart ने कही है।
नई दिल्लीः कनाडा की अर्थव्यवस्था मंदी के स्तर पर पहुंच रही है। इस पतन की गति को देखना आश्चर्यजनक है। कनाडा में वैश्विक वित्तीय संकट के बाद मासिक कॉर्पोरेट दिवालियापन निचले स्तर पर पहुंच रहा है। यह बात Barchart ने एक्स पर एक ग्रॉफ शेयर करते हुए कही है।
आपको बतां दे कि जनवरी में ही 800 से अधिक कंपनियों ने बैंकरप्सी के लिए आवेदन किया। इससे पहले 2023 में देश में बैंकरप्सी फाइलिंग में करीब 40 फीसदी की तेजी देखने को मिली। अभी जितनी कंपनियां बैंकरप्सी के लिए आवेदन कर रही हैं, वह संख्या 13 साल में सबसे ज्यादा है। कोरोना काल के दौरान कंपनियों को 45,000 डॉलर का ब्याज मुक्त लोन दिया गया था जिसे चुकाने की डेडलाइन जनवरी में खत्म हुई थी।
भारत से लिया था पंगा
कनाडा के राष्ट्रपति जस्टिन ट्रूडो ने पिछले साल भारत से पंगा लिया था। ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ बताया था। इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया था। दोनों देशों ने ही एक-दूसरे के टॉप डिप्लोमेट्स को निष्कासित किया था। दोनों देशों के बीच विवाद की शुरुआत सितंबर में नई दिल्ली में जी-20 देशों के सम्मेलन से ही हो गई थी। इस सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रूडो की बैठक हुई थी। इसमें मोदी से ट्रूडो से कनाडा में खालिस्तानी गतिविधियों को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाने को कहा था।
जी-20 के बाद दो दिन को ट्रुडो भारत में ही रहे थे। विमान में तकनीकी खराबी आ जाने के चलते उन्हें भारत में रहना पड़ा था। कनाडा लौटने पर उनकी काफी किरकिरी हुई थी। अपने देश लौटते ही ट्रूडो आक्रमक दिखें। उन्होंने भारत पर कनाडा की घरेलू राजनीति में दखल देने का आरोप लगाया। ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मुद्दे को भी उठाया और कहा कि हरदीप सिंह निज्जर कनाडा का नागरिक था और उसकी भारत ने हत्या करवाई। इसके बाद से दोनों देशों के बीच विवाद काफी बढ़ गया था।
कितने देश हैं मंदी में
इस समय ब्रिटेन समेत दुनिया के आठ देश मंदी में फंसे हैं। इनमें ब्रिटेन के अलावा डेनमार्क, एस्तोनिया, फिनलैंड, लक्जमबर्ग, मोल्दोवा, पेरू और आयरलैंड शामिल हैं। दिलचस्प बात है कि इनमें से छह देश यूरोप के हैं। इस लिस्ट में अफ्रीका और नॉर्थ अमेरिका का कोई देश नहीं है। जापान मंदी से बाल-बाल बचा है। कई और देशों पर भी मंदी का खतरा मंडरा रहा है। इनमें जर्मनी भी शामिल है। यूरोप की यह सबसे बड़ी इकॉनमी कई मोर्चों पर संघर्ष कर रही है। चीन में हालात भी लगातार खराब होते जा रहे हैं। अमेरिका पर भी कर्ज लगातार बढ़ रहा है और यह जीडीपी का 125 फीसदी से अधिक पहुंच चुका है।