Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Aug, 2024 01:46 PM
सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने आठवीं आर्थिक जनगणना की तैयारी शुरू कर दी है, जो अगले साल औपचारिक रूप से शुरू होगी। सातवीं आर्थिक जनगणना के परिणाम अभी तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। इसकी घोषणा में देरी की वजह से मंत्रालय ने...
बिजनेस डेस्कः सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने आठवीं आर्थिक जनगणना की तैयारी शुरू कर दी है, जो अगले साल औपचारिक रूप से शुरू होगी। सातवीं आर्थिक जनगणना के परिणाम अभी तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। इसकी घोषणा में देरी की वजह से मंत्रालय ने आठवीं जनगणना की तैयारी शुरू की है।
मंत्रालय का उद्देश्य
केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आठवीं आर्थिक जनगणना के लिए धन की जरूरतों और मानव संसाधन का ब्योरा पेश करने को कहा है। राज्यों को एक समर्पित इकाई बनाने का निर्देश दिया गया है।
मंत्रालय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ बेहतर तालमेल की अपेक्षा कर रहा है ताकि समय पर परिणाम प्राप्त किए जा सकें।
सातवीं जनगणना के परिणाम में देरी
सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने बताया कि सातवीं जनगणना के परिणाम की घोषणा में देरी की वजह गुणवत्ता संबंधी चिंताओं के कारण हुई है। कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने मंजूरी में देरी की थी। सातवीं आर्थिक जनगणना की प्रक्रिया 2019 में शुरू हुई थी लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे 2021 में पूरा किया गया।
नई जनगणना की समयसीमा
आठवीं आर्थिक जनगणना की प्रक्रिया 2025-26 में पूरी होने की उम्मीद है। नई जनगणना से एकत्रित सूचनाएं राज्य और जिले स्तर पर सामाजिक-आर्थिक विकास की योजना बनाने के लिए उपयोगी होंगी।