Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Nov, 2024 12:27 PM
सरकारी दूरसंचार कंपनी महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। कंपनी पर कई बैंकों का लोन बकाया है, जिनमें से ताजा मामला बैंक ऑफ इंडिया से जुड़ा है। एमटीएनएल अब तक बैंक का एक हजार करोड़ रुपए नहीं चुका पाई है,...
बिजनेस डेस्कः सरकारी दूरसंचार कंपनी महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। कंपनी पर कई बैंकों का लोन बकाया है, जिनमें से ताजा मामला बैंक ऑफ इंडिया से जुड़ा है। एमटीएनएल अब तक बैंक का एक हजार करोड़ रुपए नहीं चुका पाई है, जिसके चलते बैंक को वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही के लिए अपने वित्तीय विवरण में 200 करोड़ रुपए का प्रावधान करना पड़ा है।
बैंक ने कंपनी का नाम नहीं लिया
बैंक ऑफ इंडिया के एमडी और सीईओ रजनीश कर्नाटक ने वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही के रिजल्ट जारी करते हुए कहा कि बैंक को सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी (जिसे सूत्रों ने एमटीएनएल के रूप में पहचाना है) से 1000 करोड़ रुपए का लोन वापस नहीं मिला। इस वजह से बैंक को अधिक प्रावधान करना पड़ा। प्रावधान के बावजूद, बैंक ऑफ इंडिया ने 2374 करोड़ रुपए का नेट प्रॉफिट कमा लिया, जो पिछले साल की इसी अवधि से 63% अधिक है।
एमटीएनएल को हुआ नुकसान
वित्त वर्ष 2024 में एमटीएनएल को 3303 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है, जिसका मुख्य कारण इसके राजस्व में गिरावट है। इस दिग्गज कंपनी को अब संकट से निकालने के लिए सरकार विभिन्न उपायों पर विचार कर रही है। कंपनी के राजस्व में गिरावट का मुख्य कारण सेलुलर सेवाओं की लागत में कमी और वायर्ड टेलीफोन लाइनों की घटती मांग है।
पहले भी नहीं चुका पाई लोन
यह पहली बार नहीं है जब एमटीएनएल लोन चुकाने में असफल रही है। कंपनी अलग-अलग बैंकों, जैसे कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) पर भी बकाया है, जिसमें SBI का 326 करोड़ रुपए का कर्ज शामिल है। SBI ने एमटीएनएल के खाते को नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (NPA) घोषित कर दिया है और तत्काल लोन चुकाने का आदेश दिया है। 30 अगस्त 2024 तक कंपनी पर करीब 32 हजार करोड़ रुपए का कुल कर्ज था।