म्युचुअल फंड उद्योग का एयूएम 60 लाख करोड़ के पास पंहुचा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Jul, 2024 11:06 AM

mutual fund industry s aum reaches close to rs 60 lakh crore

शेयर बाजारों की तेजी और जोरदार निवेश के दम पर म्युचुअल फंड उद्योग की औसत तिमाही प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों (AUM) में लगातार दूसरी तिमाही (जून 2024) में करीब दो अंकों की वृद्धि दर्ज हुई। औसत एयूएम 9 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 2024 की पहली तिमाही के 54.1...

नई दिल्लीः शेयर बाजारों की तेजी और जोरदार निवेश के दम पर म्युचुअल फंड उद्योग की औसत तिमाही प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों (AUM) में लगातार दूसरी तिमाही (जून 2024) में करीब दो अंकों की वृद्धि दर्ज हुई। औसत एयूएम 9 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 2024 की पहली तिमाही के 54.1 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर जून तिमाही में 59 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गई।

एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली। पिछली तिमाही में क्रमिक आधार पर करीब 10 फीसदी की बढ़ोतरी को देखने को मिली। क्वांटम म्युचुअल फंड के मुख्य कार्याधिकारी जिमी पटेल ने कहा कि फंडों की एयूएम में वृद्धि और बाजार की तेजी को मोटे तौर पर खुदरा निवेशकों से बल मिला है। शेयर बाजारों में उनका भरोसा बरकरार है जबकि कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। आगे भी खुदरा निवेश मजबूत बने रहने की उम्मीद है।

एयूएम में वृद्धि नए निवेश और पोर्टफोलियो में मौजूद परिसंपत्तियों में बढ़त पर निर्भर करती है। पिछली कुछ तिमाहियों में दोनों मोर्चे पर बढ़त काफी ज्यादा रही है। 2024 के पहले पांच महीने में ऐक्टिव इक्विटी योजनाओं ने औसतन करीब 25,000 करोड़ रुपए का मासिक निवेश हासिल किया है। कैलेंडर वर्ष 2023 में औसत शुद्ध निवेश महज 13,465 करोड़ रुपए रहा था। एयूएम में बढ़ोतरी को हाइब्रिड फंडों व पैसिव योजनाओं में नए निवेश से भी सहारा मिला है।

पैसिव फंडों (इनमें ईटीएफ, इंडेक्स फंड और ओवरसीज फंड शामिल) ने कैलेंडर वर्ष 2024 के पहले पांच महीने में शुद्ध रूप से 52,000 करोड़ रुपए का निवेश हासिल किया। पिछले साल 5,910 करोड़ रुपए के मुकाबले औसत मासिक निवेश 10,408 करोड़ रुपए रहा है।

आईटीआई म्युचुअल फंड के कार्यकारी सीईओ हितेश ठक्कर ने कहा कि इक्विटी को लेकर स्वाभाविक इच्छा बढ़ी है क्योंकि सभी संकेतकों (चाहे राजस्व वृद्धि की उम्मीद हो या फिर आर्थिक स्थायित्व) सकारात्मक नजर आ रहे हैं। समय के साथ खुदरा निवेशक भी परिपक्व हुए हैं और अपने-अपने एसआईपी निवेश के साथ बने हुए हैं, चाहे बाजार की स्थिति कैसी भी हो। एसआईपी में मजबूत निवेश और ईपीएफओ व पेंशन फंडों से संस्थागत निवेश म्युचुअल फंडों और बाजार के लिए काफी मददगार रहा है।

उन्होंने कहा कि उद्योग अब आश्वस्त हो गया है कि इन दोनों जरियों से उन्हें करीब 30,000 करोड़ रुपए का सकल निवेश हासिल होगा। पहले पांच महीनों में एसआईपी के जरिये सकल एसआईपी निवेश करीब 1 लाख करोड़ रुपए रहा है। साल 2023 में कुल सकल निवेश 1.8 लाख करोड़ रुपए रहा था। इसके साथ ही बाजारों की तेजी ने भी एयूएम को मजबूती दी है। मुख्य बेंचमार्क सूचकांक निफ्टी-50 और सेंसेक्स अप्रैल-जून के दौरान करीब 7.4 फीसदी चढ़े हैं। निफ्टी मिलडकैप 100 इंडेक्स में 16 फीसदी का इजाफा हुआ है जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स करीब 20 फीसदी उछला है।

मजबूत निवेश हासिल होने से म्युचुअल फंड पिछले कुछ महीनों में इक्विटी बाजार में रिकॉर्ड निवेश कर सके हैं। कैलेंडर वर्ष 24 में म्युचुअल फंडों की इक्विटी खरीद कैलेंडर वर्ष 2022 के रिकॉर्ड के बराबर रही। कैलेंडर वर्ष 24 में फंडों ने अब तक 1.83 लाख करोड़ रुपए के शेयर खरीदे हैं जबकि कैलेंडर वर्ष 2022 में उनकी खरीद 1.86 लाख करोड़ रुपए की थी। बाजार नियामक सेबी (SEBI) के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल का कुल योग 1.76 लाख करोड़ रुपए था।
 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!