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अब अरूण जेटली के नाम से जाना जाएगा राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन संस्थान

Edited By vasudha,Updated: 11 Feb, 2020 05:08 PM

national institute of financial management will now be known as arun jaitley

सरकार ने राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन संस्थान (एनआईएफएम), फरीदाबाद का नाम बदलकर पूर्व वित्त मंत्री अरूण जेटली के नाम पर रखने का निर्णय लिया है। अब यह संस्थान अरुण जेटली राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन संस्थान (एजेएनआईएफएम) हो जायेगा। आधिकारिक जानकारी के...

बिजनेस डेस्क: सरकार ने राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन संस्थान (एनआईएफएम), फरीदाबाद का नाम बदलकर पूर्व वित्त मंत्री अरूण जेटली के नाम पर रखने का निर्णय लिया है। अब यह संस्थान अरुण जेटली राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन संस्थान (एजेएनआईएफएम) हो जायेगा। आधिकारिक जानकारी के अनुसार जेटली के द्दष्टिकोण और योगदान के बल पर भविष्य में इस संस्थान के सपने और आकांक्षाओं के बीच तालमेल कायम करते हुए, सरकार ने एनआईएफएम का नाम उनके नाम पर रखने का निर्णय लिया है। 

 

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से भर्ती होने वाले विभिन्न वित्त एवं लेखा सेवाओं के अधिकारियों के साथ-साथ भारतीय व्यय लेखा सेवा के अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के साथ केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के तहत एक पंजीकृत संस्था के रूप में 1993 में एनआईएफएम, फरीदाबाद की स्थापना की गई थी। केंद्रीय वित्त मंत्री एनआईएफएम समिति के अध्यक्ष हैं। यह संस्थान सार्वजनिक नीति, वित्तीय प्रबंधन, सार्वजनिक खरीद और अन्य प्रशासन के मुद्दों पर क्षेत्र में व्यवसायिक दक्षता तथा परंपरा के उच्चतम मापदंड को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की प्रशिक्षण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक प्रमुख संसाधन केंद्र बन गया है। 

 

एनआईएफएम राज्य सरकारों, रक्षा प्रतिष्ठानों, बैंकों, अन्य वित्तीय संस्थानों और सार्वजनिक उपक्रमों को भी सुविधा प्रदान करता है। यह प्रशिक्षण के साथ ही प्रबंधन शिक्षा के क्षेत्र में भी आ गया है तथा वित्तीय प्रबंधन के विभिन्न क्षेत्रों में प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा के लिए एआईसीटीई द्वारा अनुमोदित विशेष पाठ्यक्रमों को भी संचालित करता है। पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री और पद्म विभूषण स्वर्गीय अरुण जेटली ने 26 मई, 2014 से 30 मई, 2019 तक केन्द्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री रहे। उन्होंने ऐतिहासिक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की शुरूआत में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। उनके नेतृत्व में रेल बजट का आम बजट के साथ विलय कर दिया गया था। उन्होंने इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड की शुरुआत भी सुनिश्चित की। 
 

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