Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Sep, 2024 12:22 PM
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) स्कीम को बंद किए जाने की चर्चाओं के बीच सरकार ने एक नया अपडेट जारी किया है। सरकार का कहना है कि अगली किस्त का निर्णय बाजार की मांग के आधार पर लिया जाएगा। अगर बाजार में डिमांड होगी, तभी सरकार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की नई किस्त...
बिजनेस डेस्कः सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) स्कीम को बंद किए जाने की चर्चाओं के बीच सरकार ने एक नया अपडेट जारी किया है। सरकार का कहना है कि अगली किस्त का निर्णय बाजार की मांग के आधार पर लिया जाएगा। अगर बाजार में डिमांड होगी, तभी सरकार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की नई किस्त लाएगी।
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बाजार की जरूरतों का आकलन
एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) के सूत्रों ने बताया कि सरकार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की नई किस्त लाने से पहले बाजार की स्थिति का गहराई से आकलन करेगी। यह योजना कोई सामाजिक सुरक्षा योजना नहीं है और इसमें बॉरोइंग कॉस्ट सबसे ज्यादा है। ऐसे में नई किस्त लाने से पहले बाजार की स्थितियों और जरूरतों की समीक्षा की जाएगी।
स्कीम के बंद होने की आशंका
यह जानकारी ऐसे समय में आई है, जब पिछले महीने से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को बंद करने के कयास लगाए जा रहे थे। मीडिया में आई रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार इस स्कीम को महंगा और जटिल मान रही है, जिसके कारण इसे बंद करने पर विचार किया जा रहा है।
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2015 में हुई थी स्कीम की शुरुआत
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की शुरुआत साल 2015 में की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य सोने के आयात पर नियंत्रण लगाना था। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इस स्कीम के तहत बॉन्ड जारी करता है और यह निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प बन गया है। हालांकि, अगर इसे बंद किया जाता है, तो यह स्कीम अपनी शुरुआत के 10 साल भी पूरे नहीं कर पाएगी।
गोल्ड बॉन्ड की लोकप्रियता के कारण
बाजार में तेजी: मार्केट में सोने के भाव बढ़ने पर एसजीबी के निवेश की वैल्यू भी बढ़ती है।
ब्याज: निवेशकों को हर साल 2.5% ब्याज मिलता है।
टैक्स-फ्री रकम: मैच्योर होने पर मिलने वाली राशि पूरी तरह से टैक्स-फ्री होती है।
ऑनलाइन छूट: ऑनलाइन बॉन्ड खरीदने पर प्रति ग्राम 50 रुपए की छूट मिलती है।
झंझटों से मुक्ति: फिजिकल गोल्ड की मेकिंग चार्ज, स्टोरेज और मिलावट जैसी समस्याओं से यह स्कीम बचाती है।