Edited By rajesh kumar,Updated: 23 Nov, 2024 06:38 PM
टीवी9 ग्लोबल समिट, एक प्रमुख विचार मंच, भारत के मेक इन इंडिया पहल और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में विविधता लाने पर केंद्रित रहा। इस आयोजन में कई उद्योगपतियों और नेताओं ने भाग लिया और चीन + 1 रणनीति के तहत भारत को वैश्विक उत्पादन केंद्र बनाने पर विचार...
नई दिल्ली: टीवी9 ग्लोबल समिट, एक प्रमुख विचार मंच, भारत के मेक इन इंडिया पहल और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में विविधता लाने पर केंद्रित रहा। इस आयोजन में कई उद्योगपतियों और नेताओं ने भाग लिया और चीन + 1 रणनीति के तहत भारत को वैश्विक उत्पादन केंद्र बनाने पर विचार साझा किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम में मुख्य भाषण देंगे, जिसमें वह विकसित भारत के अपने दृष्टिकोण को साझा करेंगे।
टीवी9 नेटवर्क के एमडी और सीईओ बरुन दास ने इस शिखर सम्मेलन को भारत और जर्मनी के ऐतिहासिक संबंधों को मजबूत करने का एक मंच बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन भविष्य में आर्थिक समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
भारत: दुनिया की अगली फैक्ट्री बनने की ओर
भारत फोर्जिंग के चेयरमैन बाबा कल्याणी ने भारत को "दुनिया की अगली फैक्ट्री" बनाने की संभावनाओं पर चर्चा की। उन्होंने जर्मनी को एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया और कहा कि भारत के पास संसाधन, महत्वाकांक्षा और एक विशाल बाजार है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विनिर्माण क्षेत्र में नई ऊर्जा लाने की सराहना की।
निर्यात बनेगा भारत की ताकत
मारुति सुजुकी के कार्यकारी निदेशक राहुल भारती ने बताया कि उनकी कंपनी आने वाले 10 वर्षों में 9 गुना वृद्धि का लक्ष्य लेकर चल रही है। उन्होंने कहा कि भारत के लिए निर्यात का विस्तार एक बड़ा अवसर है, जो मेक इन इंडिया पहल को मजबूत करेगा।
व्यापार में आसानी और लागत दक्षता पर जोर
एसोचैम के अध्यक्ष संजय नायर ने विनिर्माण क्षेत्र में बिजली, लॉजिस्टिक्स और कनेक्टिविटी की लागत को प्रमुख बाधाओं के रूप में चिन्हित किया। हालांकि, उन्होंने पीएम गति शक्ति योजना की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल भारत को एक प्रमुख विनिर्माण केंद्र बनाने में मदद करेगी।
भारत में लग्जरी कार निर्माण की योजना
मर्सिडीज बेंज समूह के बोर्ड सदस्य जॉर्ग ब्यूरर ने कहा कि भारत को घरेलू बाजार के साथ-साथ निर्यात के लिए उत्पादन केंद्र बनाने की योजना है। उन्होंने बताया कि यही मॉडल पहले अमेरिका, चीन और दक्षिण अफ्रीका में सफलता से अपनाया गया था।