NSE का नया नियम, 250 रुपए से नीचे के शेयरों पर लागू होगा 1 पैसा टिक साइज

Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 May, 2024 03:10 PM

new rule of nse 1 paisa tick size will be applicable on shares below rs 250

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने 250 रुपए प्रति शेयर के ट्रेडिंग मूल्य से नीचे के सभी शेयरों के लिए एक पैसा टिक साइज शुरू करने का फैसला लिया है। इसकी जानकारी NSE ने 24 मई को एक सर्कुलर में दी। यह नियम 10 जून से लागू होगा।

नई दिल्लीः नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने 250 रुपए प्रति शेयर के ट्रेडिंग मूल्य से नीचे के सभी शेयरों के लिए एक पैसा टिक साइज शुरू करने का फैसला लिया है। इसकी जानकारी NSE ने 24 मई को एक सर्कुलर में दी। यह नियम 10 जून से लागू होगा।

‘टिक साइज’ दो लगातार बोलियों और पेशकश कीमतों के बीच न्यूनतम मूल्य अंतर को बताता है। फिलहाल इन शेयर के लिए ‘टिक साइज’ पांच पैसे है, जिसे घटाकर एक पैसा कर दिया जाएगा। इसे बेहतर प्राइस खोज की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा सकता है, जो बाजार प्रभुत्व के लिए एनएसई और बीएसई एक्सचेंजों के बीच तीव्र प्रतिस्पर्धा को भी दर्शाता है।

टिक साइज प्राइस में बेसिक अंतर ये है कि जो दो लगातार बोली और ऑफ़र प्राइस के बीच मौजूद होता है। एनएसई सर्कुलर के अनुसार, ETF को छोड़कर – ईक्यू, बीई, बीजेड, बीओ, आरएल और एएफ सीरीज के तहत सभी प्रतिभूतियों में उनके टिक आकार में पहले के पांच पैसे के टिक से बदलाव आएगा। NSE के सर्कुलर में कहा गया है कि टी+1 सेटलमेंट के तहत प्रतिभूतियों के लिए टिक आकार टी+0 सेटलमेंट (सीरीज टी0) के लिए भी लागू होगा।

एनएसई ने सूचित किया कि महीने के आखिरी कारोबारी दिन के क्लोजिंग प्राइस के आधार पर टिक आकार हर महीने समीक्षा और समायोजन के अधीन होगा। एनएसई ने एक सर्कुलर में कहा, स्टॉक फ्यूचर्स में भी 8 जुलाई से वही टिक साइज होगा, जो कैश मार्केट सेगमेंट में लागू होता है और टिक साइज में संशोधन सभी एक्सपायरी यानी नियर-मंथ, मिडल मंथ और फार-मंथ के लिए लागू होगा। बीएसई ने पिछले साल 100 रुपए से नीचे कारोबार करने वाले शेयर के लिए ‘टिक साइज’ पांच पैसे से घटाकर एक पैसा कर दिया था।

BSE- NSE संग रद्द किया विलय का प्रस्ताव

बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने गिफ्ट सिटी आईएफएससी में अपनी इकाई इंडिया आईएनएक्स का एनएसई आईएक्स (NSE IX) के साथ विलय रद्द कर दिया। इस घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी । उनका कहना है कि बीएसई और एनएसई करीब एक साल से इस विलय पर बातचीत कर रहे थे, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।

घटनाक्रम से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, ‘विलय से जुड़ी बातचीत आरंभिक चरण में थी। चूंकि इसमें काफी समय लग रहा था और कोई अंत भी नजर नहीं आ रहा था। इसलिए इस योजना को आगे नहीं बढ़ाने और अन्यत्र ध्यान लगाने का निर्णय लिया गया।’
 

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