Edited By jyoti choudhary,Updated: 01 Feb, 2024 02:15 PM
रियल एस्टेट सेक्टर को उम्मीद थी कि अंतरिम बजट में उन्हें कुछ बड़ा सहयोग सरकार की तरफ से मिल सकता है। मगर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस अंतरिम बजट को सीमित रखा। रियल एस्टेट सेक्टर को भी इस योजना से कुछ खास नहीं मिला। सेक्टर की बजट से उम्मीदें...
बिजनेस डेस्कः रियल एस्टेट सेक्टर को उम्मीद थी कि अंतरिम बजट में उन्हें कुछ बड़ा सहयोग सरकार की तरफ से मिल सकता है। मगर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस अंतरिम बजट को सीमित रखा। रियल एस्टेट सेक्टर को भी इस योजना से कुछ खास नहीं मिला। सेक्टर की बजट से उम्मीदें अधूरी ही रह गईं। हालांकि, वित्त मंत्री ने कुछ ऐसे ऐलान किए, जिससे रियल एस्टेट सेक्टर की गति बनी रहेगी।
छोटे शहरों में भी बढ़ेगा रियल एस्टेट सेक्टर
एनरॉक ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि अनुमान के मुताबिक, बजट में कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई। मगर, बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी पर ध्यान देने की बात की गई है। इससे बड़े शहरों के साथ ही टियर 2 और टियर 3 शहरों में रियल एस्टेट का विकास होगा।
यहां अधूरी रह गई रियल एस्टेट सेक्टर की उम्मीद
- रियल एस्टेट सेक्टर वर्षों से उद्योग घोषित होने की मांग कर रहा है। इससे आसानी से कर्ज और टैक्स छूट का लाभ मिल सकता है। मगर, अंतरिम बजट में इस मुद्दे पर निराशा मिली।
- घर खरीदने वालों के लिए टैक्स बेनिफिट भी नहीं मिले हैं यदि होम लोन पर टैक्स छूट बढ़ती तो रियल एस्टेट सेक्टर को बहुत लाभ मिलता।
- पीएम आवास योजना (शहरी) के लिए बजट बढ़ता तो रियल एस्टेट सेक्टर में डिमांड बढ़ती। मगर, अंतरिम बजट में ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई।
- अंतरिम बजट ने रियल एस्टेट सेक्टर की डिमांड को अनदेखा किया है। अब सेक्टर की पूरी उम्मीद जुलाई में आने वाले पूर्ण बजट पर टिक गई है।
- होम लोन के ब्याज के ऊपर मिलने वाली टैक्स छूट को लेकर कोई ऐलान ना होने से घर खरीदारों में निराशा है।
वित्त मंत्री की इन घोषणाओं का होगा लाभ
- पीएम आवास योजना (ग्रामीण) में 3 करोड़ घरों का लक्ष्य हासिल हुआ। अगले 5 वर्ष में 2 करोड़ और घर बनाए जाएंगे।
- सरकार किराए के मकानों, झुग्गियों, चॉल और अवैध कॉलोनियों में रहने वाले मिडिल क्लास के लोगों को घर खरीदने या बनाने में मदद करने के लिए योजना शुरू होगी।
- इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए कैपिटल एक्सपेंडीचर को 11.1 फीसदी बढ़ाकर 11,11,111 लाख करोड़ रुपए किया जाएगा, जो जीडीपी का 3.4 फीसदी होगा। इससे रियल एस्टेट विकास की संभावना खुलेंगी।
- ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट से शहरों में घरों की मांग बढ़ेगी। साथ ही कीमतों में वृद्धि हो सकती है। टियर 2 और टियर 3 शहरों में भी इसका फायदा होगा।
- पर्यटन केंद्रों के विकास से होटल और रेस्तरां की मांग बढ़ेगी। पर्यटन बढ़ाने के लिए राज्यों को लंबी अवधि के कर्ज दिए जाएंगे।
- स्टार्टअप को टैक्स बेनिफिट एक साल और बढ़ाने से ऑफिसों की डिमांड बढ़ सकती है।