Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Jan, 2025 11:08 AM
उत्तर कोरियाई हैकर्स द्वारा भारतीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज से करीब 2000 करोड़ रुपए (235 मिलियन डॉलर) की चोरी का मामला सामने आया है। अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान ने इसे लेकर संयुक्त बयान जारी किया है। इसमें बताया गया है कि उत्तर कोरिया के हैकिंग...
बिजनेस डेस्कः उत्तर कोरियाई हैकर्स द्वारा भारतीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज से करीब 2000 करोड़ रुपए (235 मिलियन डॉलर) की चोरी का मामला सामने आया है। अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान ने इसे लेकर संयुक्त बयान जारी किया है। इसमें बताया गया है कि उत्तर कोरिया के हैकिंग ग्रुप, जिनमें लाजरस ग्रुप भी शामिल है, दुनियाभर के क्रिप्टो एक्सचेंज, डिजिटल एसेट कस्टोडियन और निवेशकों को निशाना बना रहे हैं। यह पहली बार है जब इन देशों ने आधिकारिक रूप से उत्तर कोरियाई साइबर हमलों के लिए जिम्मेदारी तय की है।
कहा है बयान में?
संयुक्त बयान में चेतावनी दी कि ये हैकर्स इंटरनेशनल फाइनेंशियल सिस्टम के लिए एक बड़ा खतरा पैदा करते हैं। WazirX समेत दूसरों की कथित तौर पर चुराई गई रकम का इस्तेमाल उत्तर कोरिया की ओर से बनाए जा रहे अवैध हथियारों और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों को फंड देने के लिए किया जा रहा है। अमेरिका और दक्षिण कोरियाई सरकारों ने क्रिप्टो प्लेटफॉर्म रेडिएंट कैपिटल से 50 मिलियन डॉलर की चोरी के लिए भी उत्तर कोरिया को जिम्मेदार ठहराया।
DMM Bitcoin: 308 मिलियन डॉलर
Upbit: 50 मिलियन डॉलर
Rain Management: 16.13 मिलियन डॉलर
क्या है वजीरएक्स का मामला?
जुलाई 2024 में वजीरएक्स में सेंधमारी हुई थी। भारतीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर यह सबसे बड़ा साइबर हमला था। इसमें इसके मल्टीसिग (मल्टी-सिग्नेचर) वॉलेट को निशाना बनाया गया था। हैकर्स ने प्लेटफॉर्म के अनुमानित भंडार का लगभग आधा हिस्सा चुरा लिया, जिससे जमा और निकासी रुक गई थी।