Edited By jyoti choudhary,Updated: 07 Feb, 2025 10:41 AM
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देश के केंद्रीय बैंक यानी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया है। नए आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा की अगुवाई में हुई मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में यह फैसला लिया गया। यह बैठक 5-7 फरवरी 2025 के दौरान हुई थी। RBI ने आज...
बिजनेस डेस्कः देश के केंद्रीय बैंक यानी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया है। नए आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा की अगुवाई में हुई मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में यह फैसला लिया गया। यह बैठक 5-7 फरवरी 2025 के दौरान हुई थी। RBI ने आज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती का ऐलान किया है।
संजय मल्होत्रा ने कहा कि RBI के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से दरों में कटौती का फैसला किया है। इसके साथ ही अब रेपो रेट 6.5% से घटकर 6.25% हो गया है। MSF रेट 6.75% से घटकर 6.5% हो गया है। मई 2020 के बाद पहली बार ब्याज दरों में कटौती देखने को मिली है।
आर्थिक रिकवरी की संभावनाएं
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कारोबारी साल 2026 की दूसरी तिमाही से GDP ग्रोथ में रिकवरी देखने को मिलेगी। आने वाले महीनों में महंगाई सामान्य होने की उम्मीद है। संजय मल्होत्रा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में डिमांड में बढ़ोतरी देखी जा रही है।
- FY25 के लिए GDP ग्रोथ 6.4% रहने का अनुमान है।
- FY26 के लिए GDP ग्रोथ अनुमान 6.7% रहने का अनुमान है।
- तीसरी तिमाही में रियल GDP ग्रोथ अनुमान 6.5% रहने का अनुमान है।
- कारोबारी साल 2026 की चौथी तिमाही में रियल GDP ग्रोथ अनुमान 6.5% रहने का अनुमान है।
महंगाई दर के अनुमान
- FY25 के लिए रिटेल महंगाई दर 4.8% रहने का अनुमान है।
- FY26 के लिए रिटेल महंगाई दर 4.2% रहने का अनुमान है।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति बेहतर बनी हुई है। औसत महंगाई दर लक्ष्य के आसपास ही रही है। उन्होंने कहा कि RBI हमेशा अर्थव्यवस्था के हित में निर्णय लेगा और रेगुलेशन व कार्यक्षमता के बीच संतुलन बनाए रखने पर फोकस रहेगा।
ग्लोबल और घरेलू फैक्टर्स का असर
पिछली मौद्रिक नीति बैठक से अब तक वैश्विक और घरेलू फैक्टर्स में बड़े बदलाव देखने को मिले हैं।
- जियोपॉलिटिकल तनाव, टैरिफ को लेकर ट्रेड वॉर की स्थिति और वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के बीच मतभेद के कारण बाजार में अस्थिरता रही।
- अमेरिकी डॉलर की मजबूती का असर भारतीय रुपये और अन्य वैश्विक मुद्राओं पर पड़ा।
- घरेलू मोर्चे पर बैंकिंग सेक्टर पर लिक्विडिटी का दबाव बना हुआ है। हालांकि, क्रेडिट ग्रोथ स्थिर हो रही है।
GDP ग्रोथ अनुमानों में बदलाव
RBI ने कारोबारी साल 2024-2025 के लिए GDP ग्रोथ अनुमान को 7.2% से घटाकर 6.6% कर दिया था। साथ ही तिमाही अनुमानों में भी संशोधन किया गया था।
- दिसंबर तिमाही के लिए GDP ग्रोथ अनुमान 7.4% से घटाकर 6.8% किया गया।
- चौथी तिमाही के लिए यह अनुमान 7.4% से घटाकर 7.2% कर दिया गया।
महंगाई के अनुमान में बदलाव
- FY25 के लिए कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) अनुमान 4.5% से बढ़ाकर 4.8% कर दिया गया।
- तीसरी तिमाही के लिए महंगाई अनुमान 4.8% से बढ़ाकर 5.7% किया गया।
- चौथी तिमाही के लिए यह अनुमान 4.2% से बढ़ाकर 4.5% कर दिया गया।
वैश्विक आर्थिक अनुमानों की स्थिति
- आर्थिक सर्वे 2025 में सरकार ने कारोबारी साल 2026 के लिए GDP ग्रोथ 6.3% - 6.8% रहने का अनुमान लगाया है।
- IMF का अनुमान 6.5% रहने का है।
RBI की इस घोषणा के बाद कर्जदारों को राहत मिलने की संभावना है, क्योंकि होम लोन और अन्य लोन की EMI कम हो सकती है। वहीं, निवेश और बाजार की स्थिति पर भी इस फैसले का असर देखने को मिलेगा।