आ रहा है अब तक का सबसे बड़ा IPO! SEBI से मंजूरी का इंतजार, Hyundai का रिकॉर्ड तोड़ने की तैयारी

Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Nov, 2024 12:22 PM

nse takes big decision to launch ipo hyundai prepares to break record

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने अब तक के सबसे बड़े Initial Public Offering (IPO) की योजना बनाई है। अगर यह आईपीओ सफल होता है, तो भारतीय बाजार में अब तक का सबसे बड़ा सार्वजनिक निर्गम बन जाएगा और दक्षिण कोरियाई कंपनी हुंडई (Hyundai) के आईपीओ का रिकॉर्ड...

बिजनेस डेस्कः नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने अब तक के सबसे बड़े Initial Public Offering (IPO) की योजना बनाई है। अगर यह आईपीओ सफल होता है, तो भारतीय बाजार में अब तक का सबसे बड़ा सार्वजनिक निर्गम बन जाएगा और दक्षिण कोरियाई कंपनी हुंडई (Hyundai) के आईपीओ का रिकॉर्ड तोड़ देगा। फिलहाल एनएसई सेबी (SEBI) से मंजूरी मिलने का इंतजार कर रहा है।

IPO लाने का उद्देश्य

NSE के चीफ बिजनेस ऑफिसर श्रीराम कृष्णन ने कहा कि उनका आईपीओ देश का सबसे बड़ा आईपीओ हो सकता है। उनका कहना था कि आईपीओ लाने का मुख्य उद्देश्य प्राइस डिस्कवरी नहीं, बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना है। एनएसई का उद्देश्य यह है कि वह निवेशकों और बाजार के प्रति अपनी जवाबदेही सुनिश्चित करें।

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NSE का वर्तमान मूल्यांकन

एनएसई का बाजार मूल्यांकन इस समय करीब 4.75 लाख करोड़ रुपए है। इस समय यह भारतीय शेयर बाजार का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। एनएसई का कहना है कि आईपीओ के मूल्य निर्धारण को लेकर कोई चिंता नहीं है, क्योंकि उसके पास कोई प्रमोटर नहीं है। श्रीराम कृष्णन ने कहा कि एनएसई एक अर्ध-वाणिज्यिक संगठन है।

कैसे होगा सबसे बड़ा IPO?

एनएसई का आईपीओ संभवतः 47,500 करोड़ रुपए का हो सकता है, यदि वह अपनी 10% इक्विटी का सार्वजनिक निर्गम करने का फैसला करता है। इस समय एनएसई के शेयरों का मूल्य लगभग 2,000 रुपए प्रति यूनिट है, और यह गैर-सूचीबद्ध बाजार में काफी लोकप्रिय हैं। इसके अलावा, कंपनी ने हाल ही में 4:1 के अनुपात में बोनस जारी किया है।

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SEBI की मंजूरी का इंतजार

एनएसई अब तक आईपीओ के लिए सेबी से मंजूरी का इंतजार कर रहा है। 2016 में कंपनी ने अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) दाखिल किया था लेकिन कई कारणों से इसे देरी का सामना करना पड़ा। विशेषकर, को-लोकेशन घोटाले के कारण इसमें समस्या आई थी। इस घोटाले में ब्रोकरों ने एनएसई के सिस्टम तक जल्दी पहुंच प्राप्त करके अनुचित लाभ कमाया था।

हालांकि सेबी ने इस मामले का निपटारा करते हुए एनएसई और उसके अधिकारियों के खिलाफ पर्याप्त भौतिक साक्ष्य की कमी के कारण आरोपों को खारिज कर दिया। एनएसई के सीईओ आशीष कुमार चौहान ने हाल ही में कहा था कि सेबी से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने के बाद ही वे आईपीओ के लिए आगे बढ़ेंगे।

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