Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Jun, 2024 03:46 PM
भारत में 2023 में ‘डीपटेक' स्टार्टअप में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। एक रिपोर्ट के अनुसार, इनमें 480 नए उद्यम उभरे, जिससे यह विश्वस्तर पर तीसरा सबसे बड़ा पूल बन गया है। हालांकि, प्रौद्योगिकी उद्योग निकाय नैसकॉम और वैश्विक परामर्श कंपनी जिनोव की...
नई दिल्लीः भारत में 2023 में ‘डीपटेक' स्टार्टअप में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। एक रिपोर्ट के अनुसार, इनमें 480 नए उद्यम उभरे, जिससे यह विश्वस्तर पर तीसरा सबसे बड़ा पूल बन गया है। हालांकि, प्रौद्योगिकी उद्योग निकाय नैसकॉम और वैश्विक परामर्श कंपनी जिनोव की रिपोर्ट ने वित्तपोषण में गिरावट की चिंताजनक प्रवृत्ति को उजागर किया है, जो इन स्टार्टअप के लिए एक बड़ी चुनौती है।
रिपोर्ट में कहा गया, “भारत में वर्तमान में 3,600 से अधिक डीपटेक स्टार्टअप हैं, जिनमें से 480 पिछले साल ही स्थापित किए गए। यह संख्या 2022 में स्थापित डीपटेक स्टार्टअप की संख्या से लगभग दोगुना अधिक है।” हालांकि, भारत की डीपटेक संभावनाएं वित्तपोषण की कमी के कारण अवरुद्ध हैं। इसमें कहा गया, “कुछ अन्य प्रमुख डीपटेक पारिस्थितिकी तंत्र में स्टार्टअप की तुलना में भारतीय डीपटेक स्टार्टअप को हर चरण में औसत निवेश का एक अंश ही प्राप्त होता है। वित्तपोषण की यह कमी कुछ होनहार डीपटेक स्टार्टअप के आगे बढ़ने की क्षमता को सीमित करती है। इससे वैश्विक डीपटेक दौड़ में प्रतिस्पर्धा करने की भारत की क्षमता में बाधा उत्पन्न होती है।”
भारतीय डीपटेक स्टार्टअप ने पिछले पांच साल में लगभग 10 अरब डॉलर जुटाए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में ही कुल 85 करोड़ डॉलर जुटाए गए। यह 2022 में जुटाए गए 3.7 अरब डॉलर की तुलना में 77 प्रतिशत कम है। इस बीच, 2023 में सौदों की संख्या 2022 की तुलना में 25 प्रतिशत घट गई।